जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। देश की राजनीति में मौजूदा साल काफी अहम है क्योंकि कई राज्यों में विधान सभा चुनाव हो रहे हैं। हरियाणा में एक बार फिर बीजेपी ने जीत दर्ज की तो जम्मू में उमर अब्दुल्लाह सीएम बन गए है।
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन औसत कहा जायेगा। हरियाणा में कांग्रेस जीत से काफी दूर रह गई। ऐसे में महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक दोनों ही राज्यों में कांग्रेस सहयोगियों के सहारे है लेकिन अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर आम सहमति तक नहीं बन सकी है जबकि स्थानीय नेताओं ने अभी तक तालमेल नहीं बैठाया है।
झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस को वहां की सहयोगी पार्टियां ज्यादा सीट देने से साफ मना कर चुकी है। हरियाणाा में कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा और सहयोगियों को नजरअंदाज किया जिस वजह से हरियाणा में एक बार कांग्रेस को मायूसी हाथ लगी। इस वजह से हरियाणा और झारखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस को ज्यादा सीट देने को हेमंत सोरेन और ठाकरे तैयार नहीं है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद) पवार के साथ चुनाव लड़ने को तैयारी में है जबकि झारखंड में लालू यादव की पार्टी आरजेडी और हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन में शामिल है।
जानकारी के मुताबिक जेएमएम 43 सीटों पर ही चुनाव लडऩे का फैसला किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन इस बार थोड़ा बदलाव हो सकता है और कांग्रेस 29 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करेगी।
वहीं आरजेडी को इस बार सिर्फ पांच सीटें देने की बात सामने आ रही है। ये बदलाव गठबंधन में नया सहयोगी दल माले की वजह से किया जा रहा है। कांग्रेस ने अपने नेताओं को आपसी कलह से बचने और एकजुट होकर चुनाव लड़ने को कहा है।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शिवसेना(यूबीटी) के बीच अब तक सहमति नहीं बन सकी है लेकिन अब उम्मीद है कि जल्द इस मामले को सुलझा लिया जायेगा क्योंकि उद्धव ठाकरे की पार्टी अब सीधे सीट शेयरिंग का डील कांग्रेस हाईकमान से करेगी।
कहा तो ये भी जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के नेता संजय राउत राहुल गांधी से मिलकर इस मामले को जल्द सुलझा लेंगे। संजय राउत ने इस बारे में मीडिया को बताया है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता सीट शेयरिंग कोई ठोस नतीजे पर पहुंच पा रहे हैं। दूसरी तरफ नामांकन की तारीख नजदीक आ गई है।
इस वजह से समय गवांये बगैर सीधे सीट शेयरिंग को लेकर सीधे राहुल गांधी से बात की जायेंगी। इसके साथ ही ाउत ने इसको लेकर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी इस मुदद्े पर चर्चा की है।