जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोग ऑक्सीजन और बेड की कमी की वजह से दम तोड़ते नजर आये हैं। हालांकि केंद्र सरकार ऑक्सीजन से हुई मौत को लेकर कुछ और कह रही थी।
दरअसल सरकार ने संसद के मॉनसूत्र सत्र में कहा था कि कोरोना काल के दौरान देश में ऑक्सीजन से मौत का आंकड़ा नहीं है। केंद्र सरकार के इस बयान में देश की राजनीति में घमासान देखने को मिला था।
इतना ही नहीं केंद्र सरकार का ये जवाब किसी के गले से उतर नहीं रहा था। इतना ही नहीं इस बयान को लेकर विपक्ष ही नहीं बल्कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने नाराजगी जतायी थी। ऐसे में अब केंद्र सरकार अपने बयान से पलटती नजर आ रही है और अब जानकारी मिल रही है कि सरकार ने अब राज्यों से ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई मौतों की संख्या पूछी और आंकड़ा उपलब्ध कराने को कहा है।
सरकार ने राज्यों की सरकार से दूसरी लहर में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा मांगा है। इसके साथ ही सरकार से मिली जानकारी के अनुसार अब संसद के मौनसून सत्र में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों से संबंधित आंकड़े पेश किया जा सकता है। जानकारी मिल रही है कि सरकार इसी सत्र में 13 अगस्त को सदन में पेश करने की योजना है।
बता दें कि संसद में हाल में केंद्र सरकार की ओर से यह दावा किया गया था कि कोरोना की दूसरी लहर में देश के भीतर ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत दर्ज नहीं की गई।
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सरकार के इस दावें के बाद अब एक-एक कर कई राज्य केंद्र सरकार के सुर में सुर मिलाते नजर आये हैं। तमिलनाडु ने जहां ये ऐलान कर दिया था कि उनके प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं गई तो वहीं अब मध्य प्रदेश और बिहार ने भी ऐसा ही दावा ठोका था। अब केंद्र सरकार ऑक्सीजन से हुई मौत को लेकर राज्यों से आंकड़े मांगे हैं।