न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जेड प्लस सुरक्षा वापस लेने का मोदी सरकार ने मन बना लिया है। यानि ब्लैक कैट कमांडो का दस्ता अब अखिलेश यादव की सुरक्षा में नहीं रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक इस बारे में आदेश पर दस्तखत हो चुके हैं और एनएसजी को सूचित किया जाएगा, हालांकि मुलायम सिंह यादव और मायावती की सुरक्षा में एनएसजी तैनात रहेगी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के तहत सुरक्षा प्राप्त वीआईपी लोगों की सुरक्षा की व्यापक समीक्षा गृह मंत्रालय द्वारा की गई, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष को उपलब्ध कराया गया विशिष्ट राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कवर वापस लेने का फैसला किया गया।
अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि अखिलेश को किसी दूसरी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी की सेवा मुहैया कराई जाएगी या उनका केंद्रीय सुरक्षा कवच पूरा हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि यादव के पिता और सपा के क्षत्रप मुलायम सिंह यादव का एनएसजी ‘ब्लैक कैट’ सुरक्षा कवच पहले की तरह बरकरार रहेगा।
केंद्र में संप्रग सरकार के दौरान 2012 में अखिलेश को सर्वोच्च वीआईपी श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। अत्याधुनिक हथियारों से लैस 22 एनएसजी कमांडो का एक दल सुरक्षा कवच के तौर पर अखिलेश के साथ तैनात रहता था। ऐसी उम्मीद है कि इस संदर्भ में आदेश जारी होने के बाद उन्हें वापस बुला लिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि केंद्र और राज्य (उत्तर प्रदेश) की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने खतरे के आकलन के आधार पर यह फैसला किया। उन्होंने कहा कि कम से कम दो दर्जन अन्य वीआईपी लोगों की सुरक्षा या तो वापस ली जाएगी या घटाई जाएगी। अधिकारी ने कहा कि आधिकारिक आदेश जल्द ही जारी होगा।
जानकारों की माने तो लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अखिलेश यादव बैकफूट पर हैं। अपने समर्थकों और जनता का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच बीजेपी उनको जनता के बीच छोटा और कमजोर नेता बताने की रणनीति पर काम कर रही है।
इसीलिए केंद्र सरकार यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और मायावती की सुरक्षा तो कायम रखी, लेकिन अखिलेश यादव की सुरक्षा कम कर दी। अब देखना ये होगा कि सुरक्षा कम करने के बाद अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का रिएक्शन रहेगा।