न्यूज डेस्क
अयोध्या में भव्य और विशाल राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हो चुका है। इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे। इसके लिए पीएम मोदी ने तीन महीने की समय सीमा खत्म होने के चार हफ्ते पहले लोकसभा में इसकी घोषणा कर दी। वहीं, अब इस ट्रस्ट को पहला दान भी मिल गया है केंद्र सरकार की तरफ से एक रूपये का नकद दान किया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से यह दान ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया। अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति सहित बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान, अंशदान, योगदान ले सकता है।
इस ट्रस्ट की घोषणा प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के कुछ देर बाद की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘देश के करोड़ों लोगों की तरह यह विषय मेरे दिल के बहुत ही करीब है। ये मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि मैं इस बारे में बात कर रहा हूं। ‘मंत्रिमंडल का निर्णय राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार है।’
उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल पर विशाल और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक वृहद योजना को आज स्वीकृति दे दी है। और इसका निर्माण कार्य देखने के लिए ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नाम से एक ट्रस्ट गठित किया है। ट्रस्ट का रजिस्टर्ड ऑफिस दिल्ली में होगा।’
ये लोग होंगे ट्रस्ट में शामिल
जिन लोगों को ट्रस्ट में शामिल किया गया है उनमें वरिष्ठ वकील के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, युगपुरुष परमानंद जी महाराज, स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा कुछ और न्यासी भी होंगे जिनमें अयोध्या से होम्योपैथिक डॉक्टर अनिल मिश्रा, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में पटना से के. चौपाल और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक से महंत दिनेंद्र दास शामिल हैं। दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे।
67.70 एकड़ भूमि ट्रस्ट को सौंपीं जाएगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण और भविष्य में रामलला के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भावना को नजर में रखते हुए सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिगृहीत लगभग पूरी 67.70 एकड़ भूमि नए ट्रस्ट ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है।