जुबिली न्यूज़ डेस्क
कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के कई भत्तों पर रोक लगा दी थी। कुछ जरुरी ही भत्ते कर्मचारियों को मिल रहे थे जिनसे कर्मचारियों को कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इस बीच केंद्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता यानी डीए बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। इसके साथ ही सरकार अपने कर्मचारियों की सैलरी में भी बढ़ोत्तरी कर सकती है।
केंद्र सरकार के इस कदम से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ये फैसला अपनी अगली कैबिनेट की बैठक में ले सकती है। सरकार के इस फैसले से भारतीय रेलवे के नॉन-गैजटेड या अराजपत्रित चिकित्सा कर्मचारियों का वेतन सातवें वेतन आयोग के तहत 21,000 रुपये तक बढ़ सकता है।
इसके अलावा भारतीय रेलवे में नॉन-गैजटेड या अराजपत्रित चिकित्सा कर्मचारियों के पद पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी प्रमोशन का फायदा भी मिल सकता है। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के अनुसार, कर्मचारी काफी समय से प्रमोशन की मांग कर रहे हैं।
जल्द ही सातवें वेतन आयोग के अनुसार प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू होगी। रेलवे के अराजपत्रित चिकित्सा कर्मचारियों का वेतन सातवें वेतन आयोग के तहत बढ़ाया जाएगा।
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खबरों के अनुसार, सरकार के इस कदम से नॉन-गैजटेड या अराजपत्रित चिकित्सा कर्मचारियों के वेतन में कम से कम 5000 रुपये प्रति महीने की बढ़ोतरी होने की उम्मीद होगी। यही नहीं एचआरए, डीए और टीए में भी इजाफा हो सकता है। सभी को मिला दिया जाए तो इनके वेतन में पांच हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
रेलवे ने गैर-राजपत्रित चिकित्सा कर्मचारियों जैसे लैब स्टाफ, स्वास्थ्य और मलेरिया निरीक्षक, स्टाफ नर्स, फिजियोथेरेपिस्ट, रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट, आहार विशेषज्ञ और परिवार कल्याण संगठन के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि को मंजूरी दी है।
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बता दें कि केंद्रीय कर्मचारी काफी समय से ये मांग कर रहे हैं कि उनकी न्यूनतम सैलरी 26,000 रुपये होनी चाहिए, जबकि अभी उन्हें 18,000 रुपये ही मिलते हैं। अगर सातवें वेतन आयोग के तहत उनकी सैलरी में इजाफा होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की ये शिकायत भी दूर हो जाएगी।