जुबिली स्पेशल डेस्क
संसद के विशेष सत्र की तैयारी पूरी कर ली गई है लेकिन इस विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस और मोदी सरकार में जमकर बहस देखने को मिल रही है।
दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने अब मोर्चा खोल दिया है। कल संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने में विभिन्न नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया है।
इसको लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है और बुधवार को आरोप लगाया कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह कहकर गुमराह किया है कि केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने में विभिन्न नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया है।
वहीं सोनिया गांधी के पत्र का सराकर ने जवाब दिया था। अपने बयान में जोशी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को जवाबी पत्र लिखा था। पत्र में लिखा गया था कि परंपराओं का पालन करते हुए ही संसद के विशेष सत्र को बुलाया गया है, शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है। इसको लेकर पार्टी महासचिव जयराम रमेश का बड़ा बयान भी सामने आया है जिसमें वो कह रहे हैं कि अतीत में कई मौकों पर सरकारों ने विशेष सत्र बुलाने से पहले उसके एजेंडे के बारे में जानकारी दी थी।रमेश ने सोशल मीडिया पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को घेरते हुए एक पोस्ट में लिखा है कि ”कितना गुमराह करेंगे जोशी जी? प्रत्येक विशेष सत्र/बैठक का एजेंडा पहले से ही पता होता था।
यह सिर्फ़ मोदी सरकार ही है जो लगातार संसद का अपमान कर रही है और संसदीय परंपराओं को विकृत कर रही है।’ उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने संविधान दिवस, भारत छोड़ो आंदोलन और ऐसे अन्य अवसरों के लिए कई विशेष बैठकें बुलाई थीं तथा ऐसा करने वाली सरकारों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भी सरकारें शामिल थीं।
कितना गुमराह करेंगे जोशी-जी?
प्रत्येक विशेष सत्र/बैठक का एजेंडा पहले से ही पता होता था।
यह सिर्फ़ मोदी सरकार ही है जो लगातार संसद का अपमान कर रही है और संसदीय परंपराओं को विकृत कर रही है।
पिछली सरकारों ने — इसमें आपकी सरकार भी शामिल हैं — संविधान दिवस, भारत छोड़ो आंदोलन और ऐसे… https://t.co/BTlNBb5kpm
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 6, 2023