जुबिली न्यूज डेस्क
30 जून, 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन में काल्पनिक वृद्धि (नोशनल इंक्रीमेंट) का लाभ मिलेगा। उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के बाद सीएजी (भारत के नियंत्रक एवं प्रधान महालेखा परीक्षक) ने सभी केंद्रीय विभागों को यह आदेश जारी किया है।
सीएजी ने 19 जनवरी को जारी पत्र में लिखा है कि 11 अप्रैल 2023 के बाद 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले सभी केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन में काल्पनिक वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद 11 अप्रैल 2023 को वेतन में काल्पनिक वेतन वृद्धि का आदेश दिया था।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पहली बार सीएजी ने सभी केंद्रीय विभागों में यह व्यवस्था लागू करने के लिए यह आदेश जारी किया है। इससे पहले केंद्रीय विभाग अपने व्यक्तिगत तौर पर अपने यहां न्यायालाय का आदेश लागू कर रहे थे। केंद्रीय भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन में काल्पनिक वृद्धि के लिए सर्कुलर जारी किया था।
‘2023 के पहले वालों को भी मिले लाभ’
ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विशेष आमंत्रित सदस्य और ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स पेंशनर्स एसोसिएशन कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष पांडेय ने कैग के आदेश पर सवाल खड़ा किया है। सुभाष पांडेय ने कहा कि आदेश के अनुसार 2023 के पहले सेवानिवृत कर्मचारियों को वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिलेगा। जबकि इससे पहले न्यायालय और कैट की शरण में जाने वाले कर्मचारियों को बढ़ोत्तरी का लाभ मिल चुका है तो बाकी क्यों वंचित रहेंगे।
यह आदेश भेदभाव भरा है। आदेश को संशोधित कर उन कर्मचारियों को भी शामिल करना चाहिए जिन्हें इसका लाभ नहीं मिला।ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स पेंशनर्स एसोसिएशन ऋशेश्वर उपाध्याय ने भी 2023 के पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ देने की बात कही।
कोर्ट और कैट की शरण में जाने वालों को मिल रहा था लाभ
अभी तक सेवानिवृत्त होने वाले उन कर्मचारियों को काल्पनिक वेतन वृद्धि का लाभ मिल रहा था, जो कर्मचारी न्यायालय या कैट की शरण में गए। बाकी कर्मचारी इससे वंचित रहे। इस प्रकरण में एजीयूपी के सेवानिवृत्त कल्याण अधिकारी जफर इश्तियाक सबसे पहले 2006 में न्यायालय की शरण में गए और उनको काल्पनिक वेतन वृद्धि का लाभ मिला। इसके बाद देशभर से कई कर्मचारी न्यायालय की शरण में गए और लाभ लिया। अब यह आदेश सामूहिक रूप से जारी किया गया है, जिसका लाभ हर कर्मचारी को मिलेगा।