जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा केन्द्र सरकार से मांगे गए जवाब पर केन्द्र ने अदालत को आश्वस्त किया है कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना से दिल्ली वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों को नुक्सान नहीं पहुंचेगा. केन्द्र ने अदालत से कहा है कि विरासत के संरक्षण वाली इमारतों को किसी भी किस्म का नुक्सान नहीं पहुँचने दिया जायेगा.
दरअसल दिल्ली में चल रही सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के क्षेत्र में वक्फ बोर्ड की छह ऐसी सम्पत्तियां हैं जिसे विरासत वाली सम्पत्तियों को मिलने वाला संरक्षण दिया जाता है. इनमें उपराष्ट्रपति भवन के भीतर स्थित मस्जिद वाइस प्रेसीडेंट, कृषि भवन परिसर में बनी मस्जिद कृषि भवन, मानसिंह रोड स्थित मस्जिद जाब्ता गंज, रेडक्रास रोड पर जामा मस्जिद, उद्योग भवन के पास सुनहरी बाग़ रोड मस्जिद और मोतीलाल नेहरु मार्ग के पीछे मज़ार सुनहरी बाग़ रोड संरक्षित सम्पत्तियां हैं. वक्फ बोर्ड ने अपनी याचिका में परियोजना से नुक्सान होने की संभावना जताई थी.
केन्द्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को आश्वस्त किया है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना से किसी भी संरक्षित इमारत को किसी भी तरह का नुक्सान नहीं पहुंचेगा. केन्द्र ने हाईकोर्ट से इस याचिका को तीन हफ्ते के लिए टालने की मांग की. हाईकोर्ट अब इस याचिका पर 20 जनवरी को सुनवाई करेगा.
यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश के होमगार्ड और SDRF जवान भी पाएंगे पुलिस को मिलने वाली यह सुविधा
यह भी पढ़ें : किसान आन्दोलन ने पहुंचाया रेलवे को करोड़ों का नुक्सान
यह भी पढ़ें : भुखमरी से जूझ रहा अफगानिस्तान, तालिबान ने कहा अमेरिका हमारे जब्त पैसे लौटाए
यह भी पढ़ें : एमएसपी पर कमेटी के लिए सरकार ने मांगे पांच नाम, किसानों ने दिया यह जवाब
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : बगैर गलती माफी कौन मांगता है प्रधानमन्त्री जी