जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की मार्कशीट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय समिति ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
अदालत में सीबीएसई ने बताया कि 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री बोर्ड के रिजल्ट को 12वीं के फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा।
सीबीएसई ने यह भी कहा कि जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए बाद में अलग व्यवस्था की जाएगी।
12वीं की मार्कशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए सीबीएससी ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल का नंबर लिया जाएगा।
इसके अलावा 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे।
अदालत में सीबीएसई ने बताया कि परिणाम समिति ने परीक्षा की विश्वसनीयता के आधार पर वेटेज पर फैसला किया, स्कूलों की नीति प्रीबोर्ड में ज्यादा अंक देने की है, ऐसे में सीबीएसई के हजारों स्कूलों में से प्रत्येक के लिए परिणाम समिति गठित होगी, स्कूल के दो वरिष्ठतम शिक्षक और पड़ोसी स्कूल के शिक्षक “मॉडरेशन कमेटी” के रूप में कार्य करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्कूल ने अंकों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया है, यह कमेटी छात्रों के पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन को आंकेगी।
मालूम हो कि शीर्ष अदालत में सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले केंद्र, सीबीएसई और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) को 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए परिणाम घोषित करने के मानदंड के बारे में सूचित करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था।
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CISCE ने अब स्कूल बेस्ड असेसमेंट और प्रैक्टिकल टेस्ट के मोड में बदलाव को लेकर नया सर्कुलर जारी किया है। बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों को लंबित आंतरिक या व्यवहारिक परीक्षाओं को ऑनलाइन पूरा करने के लिए कहा है।
अदालत में केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि 31 जुलाई तक ष्टक्चस्श्व 12वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए जाएंगे। साथ में यह भी कहा गया कि जो बच्चे परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा, इसके लिए गाइडलाइन बनाई जा रही है। केंद्र सरकार ने कहा कि सीबीएसई ने पहली बार इस अभूतपूर्व संकट का सामना किया है।
दरअसल कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (cbsc) की 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। अब बोर्ड की ओर से कक्षा 12 के छात्रों के लिए मार्किंग पॉलिसी आना बाकी है।
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बोर्ड के अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि सीबीएसई बोर्ड 12वीं के छात्रों को मार्क्स के बजाए ग्रेड देने के सुझाव पर विचार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार समिति आज यह क्राइटेरिया शीर्ष अदालत में रखेगा।
वहीं बोर्ड को कक्षा 12 के ऑप्शनल असेसमेंट के लिए स्कूलों से अलग-अगल सुझाव मिल रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि छात्रों को मार्क के बजाय इस साल ग्रेड दिया जाए।
12वीं के परिणाम के लिए कहा जा रहा है कि इसमें प्री बोर्ड, 10वीं और 11वीं के नंबर जोड़कर इसे तैयार किया जा रहा है। अब यह आज पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा।
SC ने स्वीकारी मूल्यांकन नीति
CBSC और ICSC की प्रस्तावित मूल्यांकन नीति को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब दोनों बोर्ड अपनी-अपनी नीति पर काम कर सकते हैं, 12वीं की कोई परीक्षा नहीं होगी लेकिन उन छात्रों के लिए सुधार परीक्षा आयोजित की जा सकती है जो अंक सुधारना चाहते हैं। वहीं 31 जुलाई तक नतीजे आने की संभावना है। साथ ही बोर्ड की ओर से शिकायत समाधान समिति का भी गठन किया जाएगा।
मालूम हो कि 4 जून को सीबीएसई ने असेसमेंट पॉलिसी तय करने के लिए 13 सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। समिति को रिपोर्ट तैयार करने के लिए दस दिन का समय दिया गया था।
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