जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महमारी के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किया है। बोर्ड ने अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिए 11वीं कक्षा के राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम से नागरिकता, संघवाद, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता पर पाठ को हटा दिया है।
पाठ को हटाने पर मंत्रालय ने कहा है कि छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
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इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार पाठ्यक्रम से ‘हमें स्थानीय सरकारों की आवश्यकता क्यों है?’ और ‘भारत में स्थानीय सरकार का विकासÓ जैसे टॉपिक को भी हटा दिया गया है।
अब ये विषय किताब में नहीं रहेंगे, पर शिक्षकों को कहा गया है कि वे बच्चों को इन विषयों के बारे में बताएंगे और इसकी प्रासंगिकता समझाएंगे।
बोर्ड ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के निर्देशों पर इन विषयों को हटाया है। मंत्रालय ने 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने के लिए कहा था।
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बीते मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने ट्वीट कर कहा कि मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को छोटा किया गया है।
अपने ट्वीट में निशंक ने कहा कि ‘देश और दुनिया में व्याप्त असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए सीबीएसई को पाठ्यक्रम संशोधित करने और कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों पर से भार कम करने की सलाह दी गई थी।’
ट्विटर पर उन्होंने लिखा है कि ‘मैंने इस फैसले पर, कुछ सप्ताह पहले शिक्षाविदों से सुझाव मांगे थे और मुझे खुशी है कि हमें डेढ़ हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। इस शानदार प्रतिक्रिया के लिये सभी को धन्यवाद।’
उन्होंने कहा, ‘शिक्षा के महत्व के मद्देनजर मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया गया है।’
Looking at the extraordinary situation prevailing in the country and the world, #CBSE was advised to revise the curriculum and reduce course load for the students of Class 9th to 12th. @PMOIndia @HMOIndia @PIB_India @MIB_India @DDNewslive @cbseindia29 @mygovindia
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 7, 2020
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संबंधित पाठ्यक्रम समिति ने, बोर्ड के निदेशक मंडल की अनुमति मिलने के बाद पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव को अंतिम रूप दिया गया है।
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘बोर्ड ने स्कूलों के प्रमुखों और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि जिन विषयों को हटा दिया गया है, उन्हें दूसरे विषयों से जोडऩे के लिये जरूरत के हिसाब से पढ़ाया जाना चाहिये। हालांकि आंतरिक मूल्यांकन और साल के अंत में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के विषयों में कोई कमी नहीं की गई है।’
पहली से आठवीं कक्षा तक के लिए, राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पहले ही एक वैकल्पिक कैलेंडर और अध्ययन के तरीकों को अधिसूचित कर चुका है।
मालूम हो कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देशभर के विश्वविद्यालय और स्कूल 16 मार्च से बंद हैं।
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