न्यूज डेस्क
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भगोड़े हथियार कारोबारी संजय भंडारी के दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापा मारा है। इस दौरान सीबीआई ने कुछ जरुरी दस्तावेज हांसिल किए हैं। हालांकि अभी भी सीबीआई की रेड जारी है। बता दें कि बेसिक ट्रेनर विमानों की खरीदारी के मामले को लेकर 2009 में सीबीआई ने भंडारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
सीबीआई ने भारतीय वायुसेना, रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों, संजय भंडारी और स्विट्जरलैंड की कंपनी पिलाटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह एफआईआर पिलाटस एयरक्राफ्ट डील को लेकर दर्ज की गई है, जो यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुई थी। एफआईआर में कांग्रेस चीफ राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा का नाम नहीं है।
रॉबर्ट वाड्रा ने ली बेनामी संपत्ति
इससे पहले सीबीआई ने सौदे के संबंध में भंडारी के घर और दफ्तर में छापेमारी की। सीबीआई ने स्विट्जरलैंड आधारित पिलैटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड को खरीद में अनियमितताओं और 339 करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोपों में भी आरोपी बनाया है। जांच एजेंसियों का कहना है कि इसी रिश्वत से लंदन में रॉबर्ट वाड्रा के लिए बेनामी संपत्ति खरीदी गई। इसी को लेकर सीबीआई ने संजय भंडारी से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी की और कई दस्तावेजों और आर्टिकल्स को जब्त कर लिया।
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आयकर विभाग भी कर चुका है छापेमारी
बता दें कि हथियार डीलर संजय भंडारी पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। साल 2016 में हथियार खरीद के एक मामले में आयकर विभाग ने भंडारी के घर पर छापा मारा था। इस दौरान भारतीय सेना से संबंधित कई गोपनीय दस्तावेज मिले थे। जांच एजेंसी उस पर शिकंज कसती, उससे पहले भंडारी नेपाल के रास्ते विदेश भाग गया। ऐसे कहा जाता है कि संजय भंडारी लंदन में है और सरकार उसके लाने की कोशिश कर रही है।
क्या है पिलाटस डील
इस डील का संबंध वायुसेना के लिए बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदने से था। इस डील में 75 पिलाटस पीसी-7 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदे जाने थे। इस डील की कीमत 2896 करोड़ रुपये थी। साल 2008 में भंडारी ने ऑफसेट सॉल्यूशंस बनाया। इसके साथ ही साल 2010 में ऑफसेट ने पिलाटस के साथ एक डील साइन की।