जुबिली न्यूज़ डेस्क
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सत्येन्द्र सिंह के ठिकानो पर सीबीआई ने मंगलवार को छापेमारी की है । सत्येन्द्र के अलावा करीब 10 अन्य आरोपियों के यहां छापेमारी मरकर सीबीआई ने करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किये हैं।
छापेमारी के दौरान पूर्व आईएएस के घर से दस लाख रूपये नकद, करोड़ों की कीमत की 44 अचल संपत्ति के दस्तावेज, 51 लाख की एफडी के साथ साथ 2.11 करोड़ के जेवर बैंक लाकरों से बरामद हुए हैं।
जानकारी के अनुसार सीबीआई ने लखनऊ, प्रयागराज व कौशांबी में नौ ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की है। बता दें कि आरोपी सत्येंद्र सिंह कौशांबी के अलावा लखनऊ के जिलाधिकारी व लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं ।
सीबीआई अधिकारियो के अनुसार, साल 2012-14 में जब कौशाम्बी में डीएम थे उस दौरान उन्होंने खनन के पट्टों के आवंटन में अनियमितता बरती थी।उन्होंने शासनादेशों को नजरअंदाज कर खनन के 2 नए पट्टे आवंटित करने के अलावा 9 पुराने पट्टों का नवीनीकरण कर दिया।
इसमें ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इस मामलें में सीबीआई तथ्य जुटा रही थी और पुष्टि होने के बाद छापामारी की कार्रवाई की गई।
इस मामले में दाखिल की गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने सत्येंद्र सहित 10 नामजद के अलावा कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
सत्येन्द्र सिंह के अलावा जिन आरोपियों के यहां सीबीआई ने छापेमारी की हैं उनमें कौशाम्बी से नेपाली निषाद , नर नारायण मिश्रा , रमाकांत द्विवेदी , खेमराज सिंह, मुन्नी लाल, शिव प्रकाश सिंह , राम अभिलाष , योगेंद्र सिंह शामिल है। जबकि राम प्रताप सिंह प्रयागराज के ठिकानो पर सीबीआई ने छापेमारी की है।
बता दें कि इससे पहले जनवरी 2019 में हमीरपुर जिले में वर्ष 2012 से 2016 के दौरान हमीरपुर जिले में खनन के पट्टों के आवंटन में तत्कालीन डीएम बी. चंद्रकला के आवास व अन्य ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारी की थी।