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आईएनएक्स मीडिया मामले में अदालत ने पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। अदालत ने कहा कि इस दौरान चिदंबरम के वकील और परिजन उनसे रोजाना आधे घंटे तक मुलाकात कर सकते हैं। साथ ही वक़ील भी रोज़ आधे घंटे मिल सकेंगे। इसके आलावा हर 48 घंटे में चिदंबरम का मेडिकल चेकअप भी होगा।
इससे पहले सीबीआई की दलील का वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कपिल सिब्बल के साथ मिलकर विरोध किया। सिब्बल ने अदालत से कहा कि जमानत देना नियम है और अदालत के समक्ष मुद्दा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का है।
सिंघवी ने अदालत से कहा- समूचा मामला इंद्राणी मुखर्जी के बयान पर आधारित है जो अब सरकारी गवाह बन चुकी है। सिंघवी ने कहा कि चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है क्योंकि सीबीआई ने सबूत से छेड़छाड़ का कोई आरोप नहीं लगाया है।
सॉलिसिटर जनरल ने चिदंबरम की दलीलों का विरोध किया और कहा कि अदालत के सामने सब समान हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मामले में कुछ तथ्यों के बारे में खुली अदालत में नहीं बताया जा सकता है।
बता दें कि INX मीडिया मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी आरोपी हैं। कार्ति ने इस मामले में 23 दिन जेल में में काटे थे। कार्ति की गिरफ्तारी इंद्राणी द्वारा ईडी को दिये गए बयान के आधार पर हुई थी। उसने कहा था कि एफआईपीबी मंजूरी में हुए उल्लंघन को कथित तौर पर रफा-दफा करने के लिये 10 लाख डॉलर की कार्ति की मांग को दंपति ने स्वीकार कर लिया था। इंद्राणी आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की पूर्व निदेशक है।
इंद्राणी 11 जुलाई को सीबीआई मामले में इकबालिया गवाह बन गई थी। पीटर मुखर्जी और इंद्राणी का नाम आईएनएक्स मीडिया द्वारा प्राप्त धन के लिये 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की अवैध तरीके से मंजूरी हासिल करने से संबंधित मामले में सामने आया था।
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