न्यूज डेस्क
यदि आपकों बिल्लियों से प्यार है और अपने घर में कई बिल्ली पाल रखी है तो थोड़ा सतर्क हो जाए। दरअसल बिल्लियां आसानी से कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकती हैं और ये अन्य बिल्लियों में वायरस फैला सकती हैं।
यह खुलासा एक अध्ययन में हुआ है। अमेरिका और जापान के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में बताया है कि बिल्लियों को कोरोना वायरस से ज्यादा खतरा है।
शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि कोविड-19 के लक्षणों वाले लोगों को बिल्लियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। वे बिल्ली, पालतू जानवरों को घर के अंदर रखने की सलाह भी देते हैं, ताकि उनके बिल्ली के संपर्क अन्य लोगों और जानवरों के साथ न हो सके।
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अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन के पैथोबायोलॉजिकल साइंसेज के प्रोफेसर योशीहिरो कावाओका के नेतृत्व में यह अध्ययन किया गया। यह शोध न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है।
शोधकर्ताओं ने तीन बिल्लियों को सार्स-सीओवी-2 से बीमार व्यक्ति के साथ रखा। अगले दिन, शोधकर्ताओं ने बिल्लियों के नाक मार्ग से स्वैब के नमूने लिए और परीक्षण किया। परीक्षण से दो जानवरों में वायरस होने का पता चला। तीन दिनों के भीतर, सभी बिल्लियां वायरस से संक्रमित पाई गईं।
इसके बाद शोधकताओं ने तीनों संक्रमित बिल्लियों के पिजरे में एक -एक बिल्ली रखा। ये बिल्लियां सार्स-सीओवी-2 से ग्रसित नहीं थी। प्रत्येक दिन, शोधकर्ताओं ने वायरस की उपस्थिति जानने के लिए सभी छह बिल्लियों से नाक और गुदा (रेक्टल) स्वैब के नमूने लिए।
दो दिनों के भीतर, पहले से असंक्रमित बिल्लियों में से एक बिल्ली वायरस फैला रही थी, जिसके नाक के स्वैब के नमूनों से पता चला और छह दिनों के भीतर सभी बिल्लियों में वायरस पाया गया, जबकि रेक्टल स्वैब के नमूनों में से किसी में भी वायरस नहीं था।
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प्रत्येक बिल्ली 6 दिनों तक अपने नाक से सार्स-सीओवी-2 फैला रही थी। हांलाकि यह वायरस घातक नहीं था और बिल्लियों में से किसी में भी बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे।
जापान के टोक्यो विश्वविद्यालय के कावाओका ने कहा कि हमारे लिए यह एक बड़ी खोज थी कि बिल्लियों में कोरोना के लक्षण नहीं थे।
इस अध्ययन में बताया गया है कि इस शोध का निष्कर्ष यह है कि बिल्लियां वायरस से संक्रमित हो सकती हैं, यह तभी संभव है जब ये सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लोगों या अन्य बिल्लियों के सम्पर्क में आती हैं।
यह शोध चीनी एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के वैज्ञानिकों द्वारा साइंस पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन का अनुसरण करता है। इसमें बताया गया था कि बिल्लियां (और फेरोइट) वायरस से संक्रमित हो सकती हैं और संक्रमण भी फैला सकती हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति बिल्लियों के संपर्क में आने से बचे। कोविड 19 का संक्रमण फैलाने में संक्रमित मनुष्य एक दूसरे के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
हालांकि अभी कोई सबूत नहीं है कि बिल्लियां से आसानी से मनुष्यों में वायरस फैलती हैं, और न ही ऐसे दस्तावेज हैं जिनमें मनुष्य बिल्लियों के संपर्क के कारण कोविड -19 से बीमार हो गए हों।
हालांकि, वायरस से संक्रमित मनुष्यों के साथ निकट संपर्क के कारण, बिल्लियों के संक्रमित होने की पुष्टि की गई है। ब्रोंक्स चिडिय़ाघर में कई बड़ी बिल्लियों का परीक्षण करने पर उनमें वायरस पाया गया है।