Tuesday - 22 April 2025 - 3:30 AM

लिट्फेस्ट

# बिना_पते_की_चिट्ठियां

  वत्सला पाण्डेय मन के धूल भरे गलियारे में  फड़फड़ाती है अनगिनत चिट्ठियां वो चिट्ठियां जिन्हें नहीं मालूम होता अपना नसीब वो नहीं जानती कि लिखने के बाद उनका क्या होगा वो बस लिखी जाती है, उम्मीदों की स्याही से…. उन्हें चाह होती है कि उन्हें भरपूर मन से पढ़ा …

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कल श्याममय होगा लखनऊ

जुबिली पोस्ट ब्यूरो लखनऊ। श्री श्याम परिवार लखनऊ द्वारा श्री श्याम फाल्गुन महोत्सव का आयोजन कल 16 मार्च श्री खाटू श्याम मन्दिर प्रांगण में किया जायेगा। यह जानकारी शुक्रवार को श्री श्याम परिवार लखनऊ के अध्यक्ष वीरेन्द्र अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया कि फाल्गुन उत्सव 16 मार्च, 17 मार्च, 21 …

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होली के ये हैं “निराला” रंग

Holi-festival,JUBILEE POST

फागुन के महीने में होली का उत्सव रंग और मिठाई से बहुत धूमधाम से पूरे देश में मनाया जाता है। कई कवियों ने होली के रंगों पर, आपस में प्रेम भाव पर, इस खास रंगो के त्योहारों पर कुछ कविताएँ लिखी हैं।  पढ़ें मशहूर कवि सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” की  कविता… …

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चीन की हरकत पर यक्ष–युधिष्ठिर संवाद

पंकज मिश्रा यक्ष –  चीन ने फिर मसूद अजहर पे अड़ंगेबाज़ी लगा दी लगता है जिन पिंग को डोजियर नहीं दिया था , सिर्फ झूला झुला के भेज दिया था क्या …. युधिष्ठिर – मुझे नही लगता , वैसे चीन बहुत थेथर है | दिया जरूर होगा क्योंकि ऐसी चूक …

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नोटबंदी पर यक्ष -युधिष्ठिर संवाद

पंकज मिश्रा यक्ष – नोटबन्दी की कोई ऐसी बात बताओ जिसे कोई न जानता हो ? युधिष्ठिर – नोटबन्दी में  कोई डेढ़ सौ लोगों की लाइन में लगने की वज़ह से हुई मौतें … यक्ष – ये तो कोई ऐसी बात नही , इसे तो सब जानते है | युधिष्ठिर …

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संगीत संगम कार्यक्रम में युवाओं ने बटोरी वाहवाही

लखनऊ. राष्ट्रीय कथक संस्थान की ओर से शास्त्रीय गायन और वादन का कार्यक्रम किया गया। राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में संगीत संगम कार्यक्रम में शास्त्रीय गायन, तबला और सिन्थेसाइजर का शिक्षण प्राप्त कर रहे युवायों ने प्रस्तुति देकर दर्शकों का मनोरंजन किया। इस संगीत संगम का आगाज सबसे ऊची प्रेम …

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‘कबीर एक ध्रुव तारा’ के माध्यम से कलाकारों ने दिया संदेश

लखनऊ. संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षागृह में पिक्सल ड्रामा फेस्टिवल के तहत बिम्ब सांस्कृतिक समिति की ओर से ‘कबीर एक ध्रुव तारा’ का मंचन किया गया। लेखक और निर्देशन आरके नाग के इस नाटक द्वारा रूढ़ीवादी परंपराओं, पाखंडों, आडम्बरों के खिलाफ आवाज उठाकर प्रेम भाव से दुनिया में …

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सुध मोदी “तरु” की गज़लें

 मेरी सांसों में रूबरू हो जा.. मेरे जीने की आरज़ू हो जा…! हर तरफ तू ही तू दिखाई दे.. हर तरफ सिर्फ तू ही तू हो जा…! एक दूजे के दोनों हो जाये.. मैं तेरी और मेरा तू हो जा…! जो अभी तक न हो सका कोई.. मेरी मेहबूब वो …

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वत्सला पांडेय की कविताएँ

रूठे हो या बहुत व्यस्त हो छोडो ये मसखरी सच बोलूं तो तुम बिन सूनी लगती है फ़रवरी साथ तुम्हारे इक इक पल में,सदियाँ जी लेती थी और नेह की हाला को गट गटकर पी लेती थी साथी तुम बिन बहुत अकेली भटकूँ मैं बावरी सच बोलूं तो तुम बिन …

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निकिताशा कौर बरार की कविताएँ 

मेरा प्रेम बरगद के पेड़ जैसा हो सकता था— विशाल, विस्तृत और प्रश्रयी या कि गिलहरी की पूँछ जैसा— चंचल, मोहक और संतुलित वह हो सकता था वैसा, जैसा कछुआ अपने अंडों से करता है— गुप्त, आशंकित और एकाकी। पर मेरे प्रेम ने चुना इस सबसे इतर आर्कटिक का कोई …

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