Saturday - 19 April 2025 - 10:34 AM

लिट्फेस्ट

त्रासदी की कविता : देवेन्द्र आर्य ने देखा “पैदल इंडिया”

संकट काल में संवेदनाएं झकझोरती है और कलमकार उसे अल्फ़ाज़ की शक्ल में परोस देता है । ये वक्त साहित्य रचता है और ऐसे वक्त के साहित्य को बचा कर रखना भी जरूरी है। जुबिली पोस्ट ऐसे रचनाकारों की रचनाएं आपको नियमित रूप से प्रस्तुत करता रहेगा । देवेन्द्र आर्य की …

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चंचल की डायरी : किस्सा सुनील दत्त के जुलूस का

चंचल दादा की जवानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में बीती, उसके बाद दिल्ली में। समाजवाद का ककहरा और पेंटिंग साथ साथ चलते रहे। राजनीति और कला के बीच उन्होंने अपनी किस्सागोई की अलग पहचान बनाई है। फिलहाल जौनपुर के अपने गावं में बने समताघर में रह रहे हैं …

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मालविका हरिओम की ताज़ा ग़ज़ल : ये कलियुग है यहाँ भूखा कभी रोटी नहीं पाता

आपदा काल में मालविका हरिओम लगातार मजबूरों के दर्द को गज़लों की शक्ल में सामने ला रही हैं । अपनी गज़लों के जरिए वे मानवीय संवेदना को झकझोर रही हैं। बतौर शायर मालविका ने इस वक्त के हालात पर काफी कुछ लिखा है । उनकी ये ताजा गजलें पढिए । …

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त्रासदी में कहानी : “बादशाह सलामत जिंदाबाद”

अनूप मणि त्रिपाठी आज रहम दिल बादशाह निकला है अपनी रिआया का हाल जानने। वैसे तो वह अपने किले की फ़सील से ही मुल्क के नाम पैगाम देकर अपनी रिआया से मुखातिब होता रहा है। पर आज वह निकला है। निकला भी क्यों क्योंकि बहुत दिनों से उसने गैर मुल्कों …

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त्रासदी की कविता : प्रेम विद्रोही ने जो लिखा

संकट काल में संवेदनाएं झकझोरती है और कलमकार उसे अल्फ़ाज़ की शक्ल में परोस देता है । ये वक्त साहित्य रचता है और ऐसे वक्त के साहित्य को बचा कर रखना भी जरूरी है। जुबिली पोस्ट ऐसे रचनाकारों की रचनाएं आपको नियमित रूप से प्रस्तुत करता रहेगा । पेशे से …

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त्रासदी की कविता : नरेंद्र कुमार की कलम से

संकट काल में संवेदनाएं झकझोरती है और कलमकार उसे अल्फ़ाज़ की शक्ल में परोस देता है । ये वक्त साहित्य रचता है और ऐसे वक्त के साहित्य को बचा कर रखना भी जरूरी है। जुबिली पोस्ट ऐसे रचनाकारों की रचनाएं आपको नियमित रूप से प्रस्तुत करता रहेगा । नरेंद्र कुमार …

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त्रासदी की ग़जल : मालविका हरिओम की कलम से

संकट काल में संवेदनाएं झकझोरती है और कलमकार उसे अल्फ़ाज़ की शक्ल में परोस देता है । ये वक्त साहित्य रचता है और ऐसे वक्त के साहित्य को बचा कर रखना भी जरूरी है। जुबिली पोस्ट ऐसे रचनाकारों की रचनाएं आपको नियमित रूप से प्रस्तुत करता रहेगा । मालविका हरिओम …

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#CoronaDiaries: हवा खराब है। आकाश मायावी

अभिषेक श्रीवास्तव हवा खराब है। आकाश मायावी। मैंने दोनों को उन्चास दिन बाद देखा। घंटों। गाजियाबाद से दिल्ली। दिल्ली से गुड़गांव। और वापसी में। इतनी भारी हवा मैंने केवल ओडिशा के समुद्र तट पर महसूस की थी इससे पहले। लेकिन उसमें नमक था। इसमें नहीं। इतना उदास आकाश मैंने कोई …

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कोरोना वारियर डॉ वरुण चौधरी की जोशीली कविता “हंदवाड़ा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि”

वरुण चौधरी मिटते हैं सरजमीं पर वह शख्स अमर हो जाते हैं। नाम की भूख नहीं वह हर जुबां की खबर हो जाते हैं। जिन्दा है ज़मीं की धड़कनें जिनके कदमों की ताल से। गूंजते हैं जयघोष जिनके आकाश और पाताल से। वतन के रखवाले वतन पर बलिदान हो जाते …

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विकल्प हैं इसीलिए कलाकारों को करनी होगी दुगनी मेहनत: अनुराग सिन्हा

मौजूदा सदी में विजुअल कल्चर और कम्यूनिकेशन को लेकर तरह तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जिनमें दर्शकों के सामने नए तरह के वीडियो कंटेन्ट को परोसा जा रहा है। सिनेमा हॉल से निकल चुका दर्शक अब मोबाइल में टकटकी लगाए हुए हैं। उसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, वूट, जी …

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