डॉ. उत्कर्ष सिन्हा यूपी और बिहार में चुनाव हो जातीय गुणा गणित न हो ये संभव नहीं लगता। यूपी में तो चुनाव दूर हैं मगर बिहार में चुनावों की गूंज अब सुनाई देने लगी है। गठबंधन और महागठबंधन की शक्ल क्या होगी इस पर तो हलचल मची ही है साथ …
Read More »जुबिली डिबेट
विष-अमृत वाले बॉलीवुड में होगा समुंद्र मंथन
पवित्र-अपवित्र फिल्मीं हस्तियां अलग हो जायेंगी ! नवेद शिकोह दाऊद और दाऊद जैसे आतंकवादियों की कठपुतली बनी मुंबई फिल्म इंडस्ट्री को आक्-थू कहकर राष्ट्रवादी फिल्मी हस्तियां योगी की यूपी वाली फिल्म सिटी में प्रवेश कर सकती हैं ! ड्रग्स, बाबर, नारी शोषण, भाई-भतीजावाद और परिवारवाद वाली मुंबइया इंडस्ट्री में राष्ट्रद्रोही …
Read More »आखिर पूरा हुआ पीएम मोदी का संकल्प
कृष्णमोहन झा देश में क्रांतिकारी कृषि सुधारों का मार्ग प्रशस्त करने वाले दो ऐतिहसिक विधेयकों को कल संसद की मंजूरी मिल चुकी है। लोकसभा में तो सरकार के पास प्रचंड बहुमत होने के कारण वहाँ सरकार को इन विधेयकों को पारित कराने में कोई दिक्कत होने का सवाल ही नहीं …
Read More »तात्विक सुधार से परे है नई शिक्षा नीति का खाका
केपी सिंह नई शिक्षा नीति में शिक्षा के निजीकरण के पहलू की कोई चर्चा नहीं की गई है जबकि यह बहुत आवश्यक था। शिक्षा, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में मुनाफाखोरी के बोलबाले के चलते लोगों की मौलिक जरूरतों के खर्चे बढ़ रहे हैं। यह स्थितियां आर्थिक उद्वेलन को गहराने का कारण …
Read More »EDITORs TALK : सरकार पर भरोसा क्यों नहीं कर रहे किसान ?
डॉ उत्कर्ष सिन्हा लंबे समय बाद भारतीय राजनीति में खेती और किसानी बहस के केंद्र में दिखाई दे रही है। वरना लोग तो भूल ही गए थे कि नए भारत में किसानों के मामले पर कभी संसद और वो भी राज्यसभा में इतना हंगामा हो जाएगा कि राज्यसभा टीवी का …
Read More »डंके की चोट पर : वीर बहादुर का सपना पूरा कर रहे हैं योगी
शबाहत हुसैन विजेता उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी को लेकर एक बार फिर विमर्श तेज़ हो गया है. यमुना एक्सप्रेस वे के पास जगह की तलाश शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में फिल्म सिटी को लेकर काफी उत्साहित हैं. यूपी में नयी उम्र के लोग इस बात …
Read More »गद्दारी, दलाली, जालसाज़ी, लड़कीबाज़ी और घोटालेबाज़ी में क्यों सिमट रही पत्रकारिता !
नवेद शिकोह मातृभूमि भारत माता की तरह पत्रकारिता का पेशा भी मां की तरह है। दुर्भाग्य कि इस मां का हर रोज़ बलात्कार होता है। पत्रकारिता के पेशेवर ही ऐसे बलात्कार को अंजाम देते हैं। करीब हर रोज़ पत्रकारों की गिरफ्तारी की खबरें आती हैं। कभी-छुटपुट मामले होते हैं तो …
Read More »मुख्यधारा की मीडिया ने सरोकारी खबरों से क्यों बनाई दूरी?
जुबिली न्यूज डेस्क एक पढ़े-लिखे आम आदमी से पूछा जाए कि देश के सामने क्या समस्याएं है तो वह एक मिनट में दस ऐसी खबरों को गिना देगा जो समाज से जुड़ी हुई हैं। कोरोना संकट के बीच में तो समस्याओं में और इजाफा हो गया है, पर मुख्य धारा …
Read More »संजय सिंह तो बहाना हैं आप को बढ़ाना है
शबाहत हुसैन विजेता लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार इन दिनों आम आदमी पार्टी पर मेहरबान है. आप सांसद संजय सिंह पर राजद्रोह का मुकदमा कायम कराया गया है. पिछले तीन महीने में संजय सिंह के खिलाफ यूपी में 13 मुक़दमे दर्ज कराये गए हैं. सांसद संजय सिंह …
Read More »भूखे पेट भजन हो रहा है !
नवेद शिकोह भूखे पेट भजन हो रहा है ! भूखे भजन ना होये गोपाला। ये कहावत झूठी साबित हो गई है। छोटे-बड़े पर्दे की झूठी अय्यारी के तिलिस्म से जनता को उलझाने का नया प्रयोग फिलहाल तो सफल दिख रहा है। अच्छे अभिनय और कांग्रेस से अच्छे रिश्तों के होते …
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