शशांक पटेल भारत देश उस बहुमंजिला इमारत के समान है जिसके स्तंभ और आधार पटेल, नेहरु, गाँधी समेत कई अन्य लोग हैं इसीलिए इनमें से किसी एक को औरों से अधिक महत्व का नहीं बताया जा सकता। रियासती विभाग के मुखिया होने के नाते आज़ादी के समय सभी राजे रजवाड़ों …
Read More »जुबिली डिबेट
BJP के मुकाबले विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं ममता?
लेकिन भारत के सभी प्रदेशों में इनकी स्वीकार्यता पर सवाल भी! यशोदा श्रीवास्तव दिल्ली में प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस सहित विपक्ष के तमाम नेताओं को अपने आंचल में जगह दे रही हैं। जिन दलों के विस्थापित लोग टीएमसी ज्वाइन कर रहे हैं,उन दलों को शायद इसकी परवाह न …
Read More »भारत में द्वि-ध्रुवीकृत वर्चस्व राजनीतिक दलों का उभार
प्रो. रिपु सूदन सिंह भारतीय लोकतन्त्र एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है जिसमे संयुक्त राज्य अमेरिका व अन्य विकसित प्रजातांत्रिक देशों की तरह यहा भी दलों का द्वि-धुर्वीकरण हो रहा है। उत्तर प्रदेश का आगामी चुनाव प्रदेश के साथ साथ 2024 के लोक सभा के चुनाव पर …
Read More »डंके की चोट पर : बगैर गलती माफी कौन मांगता है प्रधानमन्त्री जी
शबाहत हुसैन विजेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानून वापस लेने का एलान करते हुए माफी मांगी है. प्रधानमंत्री ने साल भर से अनशन पर बैठे किसानों से घर वापस लौट जाने की अपील की है. किसानों ने प्रधानमंत्री की घोषणा का तो स्वागत किया लेकिन यह साफ़ कर …
Read More »शौचालय से निकले मल का सही इंतजाम नहीं हुआ तो टूट जाती है सैनिटेशन वैल्यू चेन
डॉ. शिशिर चन्द्रा लखनऊ. अंग्रेज़ी में एक कहावत है “out of Sight out of mind” अर्थात जो नज़रों के सामने से हटा उसे हम भूल जाते हैं। स्वच्छता के साथ भी कुछ ऐसा ही है। जब तक आँखों के सामने गन्दगी या मल दिख रहा है तब तक वह गन्दा …
Read More »अनिवार्य हो गया है राजनीति का राष्ट्रीय मसौदा
देश में दलगत राजनीति ने एक नये विभाजन का स्वरूप गढना शुरू कर दिया है। नागरिकों की मानसिकता पर अब व्यक्तिवाद हावी होकर स्वार्थपरिता के हिंडोले पर झूलने लगा है। परिवादवाद पर आधारित पार्टियों के मध्य जनसेवकों की समाजसेवा का स्वरूप चाटुकारिता के रूप में परिवर्तित हो गया है। व्यक्तिगत …
Read More »सरकार की नीतियों और भीम आर्मी से परेशान मायावती
प्रदेश सरकार की फ्री राशन और उज्ज्वला सरीखी योजनाएं बसपा पर पड़ रही भारी वोटबैंक में लगी सेंध को रोकने के लिए मायावती ने फिर मुख्यमंत्री बनने का चला दांव राजेंदर कुमार सूबे की गरीब जनता को फ्री राशन मिल रहा है। निशक्तजन, वृद्धावस्था एवं निराश्रित महिलाओं को समय से …
Read More »डंके की चोट पर : आज़ादी पद्मश्री नहीं है जो भीख में मिल जाए
शबाहत हुसैन विजेता जिस आज़ादी के लिए सरदार भगत सिंह ने बचपन में बंदूकें बोई थीं. जिस आज़ादी के लिए सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिन्द फ़ौज बनाई थी. जिस आज़ादी के लिए अशफाक उल्ला खां ने लिखा था, “जाऊंगा खाली हाथ मगर यह दर्द साथ ही जाएगा, जाने किस …
Read More »तो 2022 में भी 2017 वाले एजेंडे के भरोसे ही रहेगी भाजपा
उत्कर्ष सिन्हा यूपी विधानसभा के चुनावो की तपिश जैसे जैसे बढ़ती जा रही है , वैसे वैसे सियासी पार्टियाँ अपने चुनावी एजेंडे को तय करने की और बढ़ती जा रही हैं. यूपी के कांग्रेस के तीन दशकों के वनवास को ख़त्म करने में जुटी प्रियंका गाँधी ने महिलाओं के लिए …
Read More »क्यों क्षेत्रीय दलों से दूरियां बना रही कांग्रेस !
नवेद शिकोह पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत के बाद के राजनीतिक समीकरण भांपते हुए कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों से दूरी बनाकर एकला चलो पर अमल करने का फैसला किया है। अब वो आत्मनिर्भर बनकर अकेले चलने की रणनीति बना रही है। इस मुहिम में कांग्रेस के साथ किसान आंदोलन …
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