डॉ. सीमा जावेद (पर्यावरणविद) वर्ष 2020-21 में लागू किए गए एक कार्बन मार्केट सिमुलेशन अध्ययन में 21 बड़े भारतीय कारोबारों (भारत के औद्योगिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले कुल उत्सर्जन के लगभग 10% हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले कारोबार) को शामिल किया गया है। साथ ही साथ कार्बन बाजार के …
Read More »जुबिली डिबेट
कितने व्यावहारिक हैं भारत में विदेशी विश्वविद्यालय
प्रोफ़ेसर अशोक कुमार नालंदा, तक्षला, विक्रमशिला आदि जैसे गौरवशाली प्राचीन विश्वविद्यालयों के सन्दर्भ में भारत सरकार द्वारा विदेशी विश्वविद्यालयों को प्रवेश की अनुमति देने का और विश्वगुरु बनने की घोषणा करने का निर्णय स्वागत के योग्य और विचारणीय भी है ! लंबे समय से, उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के समर्थकों …
Read More »पड़ोसियों के हालातों से देश को सीख लेना आवश्यक
डा. रवीन्द्र अरजरिया देश के वर्तमान हालात बेहद अच्छे दिख रहे हैं। आर्थिक पैमाने पर भारत ने ब्रिटेन से भी ऊपर पहुंच कर दुनिया का पांचवां स्थान प्राप्त कर लिया है। अन्य देशों की मदद के लिए भी हमेशा खडा रहता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवता की मिसाल बनने के …
Read More »सपा-बसपा को बैकफुट पर लाएगी कांग्रेस
दलित-मुस्लिम गठजोड़ पर फोकस कर रही कांग्रेस सपा पर दबाव का कांग्रेसी हथियार बसपा कांग्रेस-बसपा दोस्ती की आशंका सपा की मुसीबत नवेद शिकोह @naved.shikoh आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में किसी के सहारे के बिना कांग्रेस दो क़दम भी नहीं चल सकती। इस अहसास के बाद भी पार्टी की …
Read More »चुनावो में हेराफेरी के खुलासे पर भारत में चुप्पी क्यों ?
गिरीश मालवीय द गार्जियन के खुलासे पर भारतीय मीडिया में अजीब सी चुप्पी है कल गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस्राइल के कॉन्ट्रैक्टर्स की एक टीम ने दुनिया में 30 ज्यादा चुनावों में हेरफेर की। ऐसा उन्होंने हैकिंग, सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार और चुनाव प्रक्रिया में रुकावट …
Read More »योगी पर विश्वास के निवेश वाला “विकासोत्सव”
नवेद शिकोह @naved.shikoh उत्तर प्रदेश सरकार का ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट उर्फ “विकासोत्सव” सज-धज कर इतना हसीन लग रहा है कि इसने दुनिया का दिल जीत लिया है। विकास के महाकुंभ में तेरह देशों के निवेशकों से लेकर देश के उद्योगपति और जिलों के उद्यमियों का हुजूम उत्तर प्रदेश की तरक्की …
Read More »धर्म और जाति के झगड़े नफरत या भविष्य जरूरी है ?
डा सी पी राय जहा दुनिया और मानवता के सामने आज भी बड़ी चुनौतिया है और दुनिया के सारे देश भविष्य की चुनौतियों का आकलन करने में तथा उससे निपटने का रास्ता खोजने में अपनी सम्पूर्ण मेधा को लगाए हुए है. वही भारत का काफी संख्या में राजनीतिक नेतृत्व आज …
Read More »प्रचंड संकेत: किसी के हाथ की कठपुतली बनना स्वीकार नहीं
यशोदा श्रीवास्तव इसे सिर मुड़ाते ओले पड़ने जैसा नहीं कहा सकता,जब ताजा ताजा बनी प्रचंड सरकार के गृहमंत्री को पद से इस्तीफा देना पड़ा हो, उनको प्रतिनिधि सभा की सदस्यता भी गंवानी पड़ी हो और फिर उनकी राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के प्रचंड सरकार से समर्थन वापसी की धमकी जैसी ख़बरें …
Read More »क्या प्रिंट मीडिया , अखबारी कागज कैंसरकारी है?
अशोक कुमार यह सोचना आम है कि इस नए डिजिटल युग में प्रिंट की दुनिया खो गई है, लेकिन यह सच से परे नहीं हो सकता। हो सकता है कि छपाई ने सदियों पहले अपना बीज बोया हो, लेकिन व्यावसायिक मुद्रण उद्योगों की प्रगति के साथ, सफल विपणन के लिए …
Read More »पड़ोसियों के साथ महासंघ वक्त की मांग है!
डा सी पी राय क्या अब उचित समय है की भारत, पाकिस्तान, बंगला देश और संभव हो तो नेपाल ,भूटान और श्रीलंका का भी एक ,महासंघ बन जाना चाहिये ? यद्दपि बंगला देश ने काफी तरक्की किया है और मजबूत भी हुआ है. नेपाल भारत और चीन के बीच झूल …
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