प्रो. अशोक कुमार राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) प्रमाणन देश भर में उच्च संस्थानों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा के मानक का मूल्यांकन करने का एक उपाय है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग , यूजीसी , ने साल 1994 में एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय …
Read More »जुबिली डिबेट
मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के स्वर्ण युग का सुप्रभात
संपत्तिया उइके मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित ऐतिहासिक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मुख्यमंत्री मोहन यादव के मुख्यमंत्री मोहन यादव के उस शुभ संकल्प का सुखद प्रतिफल है जो आज से सवा साल पहले पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने …
Read More »संस्कृति एवं साहित्य में बेहद प्रगाढ़ता है काशी और द्रविड़ की
शशिकांत मिश्र भारत की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत में काशी और द्रविड़ क्षेत्र की गहरी जड़ें हैं। काशी, जिसे वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन भारत की सांस्कृतिक राजधानी मानी जाती है। यह न केवल सनातन धर्म और आध्यात्मिक चिंतन का केंद्र रही है, बल्कि साहित्य, संगीत, …
Read More »इमोशंस की रात है शब-ए-बारात
शबाहत हुसैन विजेता शब-ए-बारात, गुनाहों से माफ़ी की रात। रूहों की आज़ादी की रात। अपने पुरखों और अज़ीज़ों के लिए अल्लाह से दुआ की रात। उर्दू महीने शाबान की 14 तारीख को होती है शब-ए-बारात। दुनिया भर के कब्रिस्तानों में सिर्फ यही एक रात होती है जब सबसे ज़्यादा रौनक …
Read More »भविष्य में उच्च शिक्षा का स्वरूप कैसा हो !
अशोक कुमार भविष्य में उच्च शिक्षा का स्वरूप यदि कई बदलावों से गुजरे, जो इसे और अधिक सुलभ, लचीला और प्रासंगिक बनाया जा सकता है । यहां कुछ प्रमुख सुझाव दिए गए हैं जो उच्च शिक्षा के भविष्य को आकार देंगे: 1.ऑनलाइन और हाइब्रिड लर्निंग का उदय: प्रौद्योगिकी की प्रगति …
Read More »प्रयागराज में ज़मज़म और अमृत का संगम
नवेद शिकोह मज़हबी बहस मैंने की ही नहीं, फ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं। धर्म क्या है मजहब किसे कहते, हमें ज़्यादा समझ तो थी ही नहीं। अकबर इलाहाबादी का शहर जिसे अब प्रयागराज नाम से जाना जाता है, यहां की बहुत सारी ख़ूबियां बेमिसाल हैं। सबसे मशहूर है …
Read More »Shaheed Diwas 2025 : महात्मा गांधी को जवाब चाहिये
डॉ सीपी राय बहुत आश्चर्यचकित है हिंदुस्तान आज उन ताकतों के द्वारा महात्मा गांधी की माला जपने से जिनके आदर्शो ने आज से 77 वर्ष पूर्व महात्मा गांधी की महज शारीरिक हत्या कर दी थी ,लेकिन बापू मरे नही. अपने विचारों और आदर्शो के साथ वो आज भी जिन्दा है …
Read More »राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के विरुद्ध है उच्च शिक्षा में समान पाठ्यक्रम
प्रो. अशोक कुमार शिक्षा एक मौलिक मानव अधिकार है , आर्थिक और सामाजिक प्रगति का एक प्रमुख चालक है। शिक्षा के महत्व को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पेश की, जो देश में शिक्षा के विकास के लिए एक व्यापक रूपरेखा है। NEP 2020 …
Read More »विदेशी पर्यटकों को खींच रही चुम्बकीय सनातनी चेतना
नवेद शिकोह सैकड़ों वर्षों के आंदोलन का प्रतिफल राम मंदिर हो या 144 वर्षों बाद नक्षत्रों के संयोग का महाकुंभ हो, अयोध्या और प्रयागराज में सनातनी चुम्बकीय शक्ति विदेशी पर्यटकों को यूपी की पावन धरती की तरफ खींच रही है। भारत की संस्कृति दुनिया को आकर्षित करती है और यूपी …
Read More »भविष्य के धार्मिक स्थलों का स्वरूप क्या होगा?
संदीप पाण्डेय हवाई अड्डों पर एक प्रार्थना कक्ष होता है। वहां यह नहीं लिखा रहता कि वह किसी खास धर्म का है। हम जिस धर्म को मानते हैं उसके अनुसार वहां प्रार्थना कर सकते हैं। यदि हम विभिन्न धर्मों को मानने वालों के बीच झगड़े खत्म करना चाहते हैं तो …
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