सुरेंद्र दुबे केंद्रीय नौकरशाही के हिस्से में लैटरल एंट्री (भारतीय प्रशासनिक सेवा से इतर के अधिकारियों की एंट्री) की इजाजत देने की केंद्र सरकार की पहल ने एक जटिल बहस को फिर से सुलगा दिया है, जिस पर कम से कम दो दशकों से जब-तब चर्चा होती रही है। लोकसेवकों …
Read More »जुबिली डिबेट
सियासी आंच में सुलगता बंगाल और ममता का हठयोग…
कृष्णमोहन झा हॉल ही के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जो शर्मनाक हार झेलनी पड़ी है, उसके बाद पार्टी की मुखिया व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र की सरकार से पूरी तरह टकराव के मूड में आ गई है। केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए …
Read More »मुलायम और मायावती के पदचिन्हों पर चलेंगे योगी !
राजेन्द्र कुमार “सरकार आपके द्वार”। मुलायम सिंह यादव जब दूसरी बार यूपी के सीएम बने थे, तब उन्होंने ये योजना शुरू की थी। इसका मकसद था, सरकार की योजना का लाभ गांव -गांव में ग्रामीणों तक पहुँच रहा है या नही, इसका पता लगाना। इसके लिए उन्होंने प्रमुख सचिव और …
Read More »उलटबांसी : लोकतंत्र का सांगोपांग ‘मोमेंट’
अभिषेक श्रीवास्तव ‘’लोकतंत्र में विपक्ष का होना, विपक्ष का सक्रिय होना, विपक्ष सामर्थ्यवान होना, ये लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त है। और मैं आशा करता हूं कि प्रतिपक्ष के लोग नंबर की चिंता छोड़ दें। देश की जनता ने उनको जो नंबर दिया है, दिया है, लेकिन हमारे लिए उनका हर …
Read More »क्यों फैलाई जा रही है पूरे देश में पश्चिम बंगाल की आग
सुरेन्द्र दूबे ऐसा इस देश में पहली बार हो रहा है कि कोई हड़ताली संगठन मांग कर रहा है कि मुख्यमंत्री उससे माफी मांगे। जी हां, मैं पश्चिम बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों की बात कर रहा हूं। हड़ताल सही है या गलत, इस पर बाद में बात करूंगा, पहले इस …
Read More »बेपटरी राजनीति और राजनीति का कीड़ा
प्रांशु मिश्रा बीते कुछ सालों में मुल्क की राजनीति बेपटरी हुई है, लेकिन राजनीति के कीड़े ने हर सेक्टर में जबरदस्त डंक मारी की है पत्रकार, वकील, मास्टर और डॉक्टर। हर जगह संगठनों की बाढ़ आ गई है और तमाम स्वयंभू एरिया कमांडर टाइप नेता मोर्चा संभाले हैं। सेल्फी, फेसबुक …
Read More »कांग्रेस में अध्यक्षी के लिए राहुल के बाद कौन ?
केपी सिंह कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर व्याप्त अटकलबाजी अभी खत्म नहीं हो पा रही है। पिछले बुधवार को काग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि राहुल गांधी अध्यक्ष थे और बने रहेंगे। उनकी पूरे विश्वास के साथ उच्चरित इस घोषणा से जाहिर हुआ था कि राहुल …
Read More »यह भगवान की सुरक्षा का सवाल है
शबाहत हुसैन विजेता एनसीआर में एक भरोसेमंद अस्पताल है। अगर आपकी जेबें पैसों से भरी हैं और इस अस्पताल ने कंधे पर हाथ रख दिया है तो आपको अपनी ज़िन्दगी को लेकर बहुत ज्यादा डरने की ज़रूरत नहीं है। यह अस्पताल ऐसे क्रिटिकल मरीजों को अपने यहां भर्ती कर लेता …
Read More »मरीजों को तड़पता छोड़ कितनी जायज है डॉक्टरों की हड़ताल
डा. रवीन्द्र अरजरिया पश्चिम बंगाल के कोलकता स्थित नीलरत्न सरकार मेडिकल कालेज में विगत 10 जून को मरीज की मृत्यु के बाद हुए विवाद ने अहम के युद्ध की शक्ल ले ली है। मृतक के परिजनों के द्वारा डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गालीगलौज की थी जिस पर …
Read More »मन के हारे हार है, मन के जीते जीत
के पी सिंह मन के हारे हार है, मन के जीते जीत यह कहावत देश के विपक्षी दलों पर पूरी तरह लागू होती है। लोकसभा चुनाव में हार को लेकर प्रतिपक्षी दलों में विचार मंथन की जो कवायद चलती दिख रही है उसको देखते हुए यह कहना मुश्किल लगता है …
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