कैसे हो बेहतर शहर-2 रतन मणि लाल क्या हम अपने शहर को वास्तव में एक अच्छा शहर बनाना चाहते हैं? यदि हाँ, तो पहले हमें अपने शहर को प्यार करना होगा। यह मानना होगा कि इस शहर में कुछ खूबियाँ हैं जिन्हें बनाये रखना जरूरी है। उन खूबियों को बनाये …
Read More »जुबिली डिबेट
मंदिर ही है असली ‘ब्रह्मास्त्र’
सुरेंद्र दुबे पूरे देश में युद्ध चल रहा है। भले ही चुनावी युद्ध है पर किसी महाभारत से कम नहीं। महाभारत की याद आई तो हरियाणा को याद करना ही पड़ेगा, जहां कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में अर्जुन बार-बार युद्ध से भाग रहा था। …
Read More »साहब लगता है रिटायर हो गए..!
राजीव ओझा साहब बहुत बदल गए..! लगता है रिटायर हो गए हैं। आपका अनुमान बिलकुल ठीक है। न बंगला, न गाड़ी न ही पहले जैसा भौकाल। साहब जिसको समझ रहे थे भौकाल, वो थी समय की चंचल चाल। साहब अब कुछ कुछ समझ रहे, डिप्रेशन से भी उबर रहे। कुछ …
Read More »बेहतर पुलिसिंग के नाम पर तुगलकी प्रयोगों का अखाड़ा
केपी सिंह उत्तर प्रदेश में बेहतर पुलिसिंग के नाम पर महकमें को तुगलकी प्रयोगों का अखाड़ा बना दिया गया है। इसकी नई कड़ी के बतौर प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक सीनियर अफसर को नोडल अधिकारी बनाने का आदेश जारी किया गया है। जिला पुलिस प्रमुख के इंस्टीटयूशन को लचर …
Read More »क्या स्मार्ट लखनऊ एक मिथक है ?
कैसे हो बेहतर शहर-1 रतन मणि लाल आज से चार साल पहले, वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन नाम से एक महत्वकांक्षी योजना की घोषणा की थी, जिसके अंतर्गत ऐसे शहरों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है जो मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएँ, अपने नागरिकों को एक …
Read More »उत्तर प्रदेश में थानेदारों की तैनाती का यह रियलिटी चेक
केपी सिंह नियुक्तियों और पदस्थापनाओं में पूरी शिददत से झलकते योगी सरकार के जातिवादी नजरिये की वजह से उसके लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने शासनादेश के हवाले से विभिन्न जिलों में अनुसूचित जाति जनजाति के थानेदारों के अनुपात का ब्यौरा तलब कर …
Read More »गलती माने बगैर गरीबी दूर नहीं होगी
सुरेंद्र दुबे अभी-अभी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र देखा। बड़ी तसल्ली हुई कि चलो भाजपा को बेरोजगारों की याद तो आई। पर एक करोड़ नौकरियों की बात सुनकर माथा भी ठनका। भाजपा तो मानती ही नहीं है कि इस देश में बेरोजगारी है। जब …
Read More »आजम खान के आंसू या “इमोशनल अत्याचार” !
राजीव ओझा परीक्षा की घड़ी निकट है। लेकिन रामपुर में लड़ाई विकट है। वैसे तो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह दावा कर रहे हैं कि सभी 11 विधान सभा सीटों पर चुनाव बीजेपी ही जीतेगी लेकिन कुछ सीटों पर चुनावी गणित पेंचीदा है। क्या बीजेपी के पास आजम खान के …
Read More »हम जाग जाएं तो डेंगू भाग जाए
शबाहत हुसैन विजेता मौसम बदला तो डेंगू का डंक चुभने लगा। फुल ड्रेस कोड का फरमान सुना दिया गया। बच्चे स्कूल जाएंगे फुल आस्तीन शर्ट पहनकर। टीचर को भी हाफ आस्तीन शर्ट पहनने की इजाज़त नहीं है। सरकारी अमला जागा है जब मौतों की दस्तक शुरू हो गई है। जब …
Read More »रस्सी जल गई पर ऐठन नहीं गई
सुरेंद्र दुबे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य लगातार एक के बाद एक मोर्चे पर हार का सामना करते जा रहे हैं पर उनके रवय्ये में कोई अंतर नहीं आया है। एक बार राजीव गांधी की सरकार के समय शाहबानो मामले में संविधान में संसोधन कराकर एक अबला …
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