जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. पाकिस्तान के सियालकोट में टीम टी-20 का सामान बनाने वाली फैक्ट्री के मजदूरों द्वारा वहां के मैनेजर और श्रीलंकाई नागरिक प्रियान्था कुमारा की पीट-पीटकर की गई हत्या मामले में पुलिस ने अब तक 800 लोगों को आतंकवाद के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है. इनमें से 118 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं.
प्रियांथा कुमारा की हत्या ईशनिन्दा के आरोप में की गई है. दरअसल प्रियान्था ने फैक्ट्री की दीवार पर लगे कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के पोस्टर को फाड़कर डस्टबिन में डाल दिया था. इस पोस्टर पर कुरान की आयतें भी लिखी थीं. कुछ मजदूरों ने फैक्ट्री मैनेजर को पोस्टर फाड़ते हुए देखा गया और कुछ ही देर में फैक्ट्री के तमाम मजदूरों ने मैनेजर को उनके दफ्तर से घसीटकर पीटना शुरू कर दिया. उन्हें तब तक पीटा गया जब तक कि उनकी मौत नहीं हो गई. मौत के बाद उनकी लाश को जला दिया गया.
मामला क्योंकि दूसरे देश की नागरिक की हत्या का था इसलिए पुलिस भी फ़ौरन सक्रिय हो गई. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने श्रीलंका सरकार को आश्वस्त किया कि इस मामले में दोषियों को बक्शा नहीं जायेगा.
इस मामले की शुरुआती जांच में ही पुलिस को तमाम वीडियो मिल गए. इनमें श्रीलंकाई नागरिक प्रियांथा कुमारा को पीट रहे लोग कट्टरपंथी सगठन जिसका पोस्टर फाड़ा गया था उसके समर्थन में नारे भी लगा रहे थे. पुलिस वीडियो में प्रियान्था को मारते और जलाते हुए नज़र आये लोगों को चिन्हित करना शुरू किया तो 118 लोग उसकी गिरफ्त में भी आ गए. पुलिस ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
इस कट्टरपंथी संगठन पर लगे प्रतिबन्ध को हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने हटाया था. इस संगठन से जुड़े जिन 15 सौ लोगों को जेलों से रिहा किया गया था उन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के ही आरोप थे.
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