जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस महकमें में तब हड़कम्प मच गया जब एक एसटीएफ यूनिट और पूर्व थानाध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज किया गया। एफआईआर की खबर हवा की तरह फैलते ही पुलिस अधिकारियों से लेकर सिपाहियों में डर माहौल पैदा हो गया है।
महीना भर पहले एयरपोर्ट से पकड़े तीन व्यक्तियों को बंथरा थाने में बंधक बनाकर पीटने व लाखों की उगाही के मामले में बंथरा के पूर्व कोतवाल व एसटीएफ की टीम के खिलाफ लूट एवं भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी की जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए थे। पुलिस के मुताबिक, एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी विजय प्रताप व निरीक्षक जैनुद्दीन अंसारी की टीम ने हवाला की रकम की सूचना पर 3 मार्च को अमौसी एयरपोर्ट से तीन युवकों को पकड़ा था। तीनों को बंथरा थाने ले जाकर पूछताछ की। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप के साथ मेसेज वायरल हुआ।
इसमें एसटीएफ पर तीनों को थाने में बंधक बनाकर पीटने और 35 लाख वसूल कर एक को छोडऩे का आरोप था। इस बीच टीम ने कानपुर पहुंचकर हवाला के 35 लाख की रकम की बरामदगी के साथ अनवरगंज दलेलपुरवा निवासी सलाहउद्दीन, शावेज और प्रतापगढ़ के कुंडा थाना क्षेत्र के शाहनवाज को एयरपोर्ट से पकड़े जाने का दावा किया। कहा कि सलाहउद्दीन को उग्र भीड़ छुड़ा ले गई थी।
जांच में खुली पोल थी पोल सरोजनीनगर के बजाय ले गए बंथरा थाने
मामले में पुलिस महानिरीक्षक ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी को मामले की जांच सौंपी थी। जांच में खुलासा हुआ कि एसटीएफ की टीम एयरपोर्ट से रकम के साथ पकड़े व्यक्तियों को बंथरा थाने ले गई थी, जबकि उसे सरोजनीनगर थाने ले जाना चाहिए था।