जुबिली न्यूज डेस्क
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्र काफी समय से विरोध कर रहे हैं। अब इस मामले में छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले भी इस मामले में एक एफआईआर हो चुकी है जिसमें 15 नामांकित और करीब 100 गैर-नामित छात्रों के खिलाफ एफआईआर हुई थी।
दरअसल छात्रों पर 20 सितंबर को परिसर में जुलूस निकालने, ताला लगाने और कक्षाओं में खलल डालने का आरोप है। साथ ही इस दौरान चीफ प्रॉक्टर के साथ मारपीट के भी आरोप हैं। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। विवि ने ज्यादातर कोर्स की फीस चार गुना तक बढ़ा दी है।
100 से अधिक वर्षों के बाद शुल्क में वृद्धि
बता दे कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने 112 साल बाद फीस बढ़ा दी है। हालांकि इसके बावजूद छात्र फीस बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, यूनिवर्सिटी ने भले ही 100 साल से ज्यादा समय के बाद फीस बढ़ाई हो, लेकिन यह बढ़ोतरी चार गुना है जिससे छात्र नाराज हैं। छात्रों के विरोध के बावजूद विवि ने इसे मंजूरी दे दी। बढ़ा हुआ शुल्क मौजूदा सत्र 2022-23 से ही लागू होगा। इस निर्णय को विश्वविद्यालय की वित्त समिति और अकादमिक परिषद द्वारा वैध घोषित किया गया है।
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गंभीर आरोपो के तहत मामला दर्ज
वहीं छात्रों के आमरण अनशन का आज 24 दिन है। बात दें कि इससे पहले छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह की धमकी दी थी। कुछ छात्रों ने आत्महत्या की धमकी देते हुए पेट्रोल भी पी लिया था। चीफ प्रॉक्टर ने अपनी शिकायत में कहा है कि इसी दौरान छात्रों ने हंगामा किया था और विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन के पास गेट का ताला तोड़कर घुस गए थे। उन्होंने सुरक्षाकर्मी और प्रोफेसर के साथ गाली-गलौज और मारपीट की। शिकायत में आरोप है कि छात्र कुलपति कार्यालय की छत पर चढ़कर गैस सिलेंडर से आग लगाने की कोशिश कर रहे थे। गैस सिलेंडर से विस्फोट हो सकता था। वहीं इस मामले को देखते हुए 50 छात्रों के खिलाफ केस किया गया है। आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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