न्यूज डेस्क
सिरदर्द हो या बदन दर्द। बुखार हो या हरारत। इन छोटी-छोटी समस्याओं में पैरासिटामॉल दवा खाने वाले लोग सावधान हो जाए। आप या आपके आसपास ऐसे लोग जरूर होंगे, जो बुखार और दर्द में बिना किसी डॉक्टर की सलाह लिए पैरासिटामॉल लेकर खा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पैरासिटामॉल के ज्यादा इस्तेमाल से आपका लिवर खराब हो सकता है।
कितने पैरासिटामॉल को ओवरडोज माना जाए
एएनएसएम की रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप रोजाना 4 ग्राम से ज्यादा पैरासिटामॉल का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका लिवर 24 से 48 घंटे के भीतर ही डैमेज हो सकता है। लिवर डैमेज होना बहुत खतरनाक स्थिति होती है। ज्यादा गंभीर स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।
200 से ज्यादा दवाओं में पैरासिटामॉल का होता है इस्तेमाल
भारत में भी पैरासिटमॉल दवा का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है। लगभग दो सौ दवाएं बाजार में मौजूद हैं जिनमें पैरासिटामॉल का इस्तेमाल होता है।
इन दवाओं को लोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के मेडिकल स्टोर से लेकर खा लेते हैं। जिन लोगों को अक्सर दर्द या बुखार रहता है, वो धीरे-धीरे इस दवा के आदी हो जाते हैं। लंबे समय तक इस दवा के इस्तेमाल से कई तरह के खतरे हो सकते हैं। पैरासिटामॉल आपके लिवर को पूरी तरह खराब कर सकता है, जो कई बार जानलेवा हो सकता है।
दर्द और बुखार के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवा
पैरासिटामॉल भारत ही नहीं, दुनियाभर में दर्दनिवारक और बुखार ठीक करने वाली दवा के रूप में इस्तेमाल की जाती है। डॉक्टर्स भी पैरासिटामॉल अपने प्रेस्क्रिप्शन में खूब लिखते हैं। वयस्कों के साथ बच्चों को भी ये दवा खूब दी जाती है। छोटे बच्चों के लिए पैरासिटामॉल का ज्यादा इस्तेमाल और ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि उनके अंग पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं।
ओवरडोज होने पर होता है लीवर को खतरा
डॉक्टरों की माने तो- “डॉक्टर की सलाह से ही आपको पैरासिटमॉल जैसी दवाओं का सेवन करना चाहिए। वैसे तो ये दवा सुरक्षित भी है और असरकारी भी है, मगर इसके ज्यादा इस्तेमाल के शरीर के कुछ अंदरूनी अंगों पर बुरे प्रभाव दिख सकते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ड्रग्स के कारण होने वाले लिवर ट्रांस्प्लांट के ज्यादातर मामलों में पैरासिटामॉल को इसका कारण पाया गया है।”
हल्दी है ज्यादा असरदार
हल्दी के फायदों पर पिछले दिनों हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अगर कोई इंसान दर्द में जल्दी आराम पाने के लिए पैरासिटामॉल की जगह हल्दी लेता है तो यह ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है। खास बात यह है कि हल्दी का शरीर पर कोई नुकसान नहीं होता है।
पोषक तत्वों से होती है भरपूर हल्दी
हल्दी में उडऩशील तेल, प्रोटीन, खनिज पदार्थ, कारबोहाईड्रेट, कुर्कुमिन नामक एक महत्वपूर्ण रसायन के अलावा विटामिन भी पाए जाता है। अगर दर्द जोड़ों का हो तो हल्दी चूर्ण का पेस्ट बनाकर लेप करना चाहिए। मोच आने या भीतरी चोट के दर्द से निजात पाने के लिए गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है।