जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हजारों-लाखों लोगों की जान चली गई, बावजूद इसके लोग कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्क नहीं हैं। लोगों को बार-बार चेतावनी दी जा रही है कि तीसरी लहर आने वाली है इसलिए पूरी सर्तकता बरतें लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
पिछले कुछ दिनों से पर्यटन स्थलों में जुटने वाली लोगों की भीड़ की फोटो खूब वायरल हो रही है। जिस तरह से लोग मस्ती कर रहे हैं उससे तो यही लगता है कि कोरोना की तीसरी लहर आने से कोई नहीं रोक सकता।
हालांकि अब तो तीसरी लहर आने के कई संकेत भी मिल रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में जोर पकड़ता संक्रमण इस बात का संकेत दे रहा है कि देश में तीसरी लहर नजदीक है।
वर्तमान में आठ राज्यों में बढ़ते संक्रमण ने पूरे देश की चिंता बढ़ा दी है, इनमें से सात राज्य पूर्वोत्तर के हैं। जबकि एक अन्य राज्य केरल है जहां संक्रमण दर बहुत अधिक है।
इन हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करके स्थिति की जानकारी भी ली है।
चार राज्यों में हालात बेकाबू
पूर्वोत्तर के चार राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण से बाहर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार सिक्किम में जांच पॉजिटिविटी दर 19.5 फीसदी, मणिपुर में 15 फीसदी, मेघालय में 9.4 फीसदी और मिजोरम में 11.8 फीसदी है।
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डब्ल्यूएचओ का मानना है कि जब जांच पॉजिटिविटी दर दस प्रतिशत या इससे अधिक हो जाए तो इसका मतलब है कि संक्रमण नियंत्रण से बाहर हो चुका है।
पूर्वोत्तर के तीन अन्य राज्य- अरुणाचल प्रदेश (7.4 फीसदी), नागालैंड( 6 फीसदी) और त्रिपुरा(5.6) में भी संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक बनी हुई है, जबकि फिलहाल असम(2 फीसदी) में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है।
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तीसरी लहर शुरू हो जाने का दावा
पूर्वोत्तर के खराब हालात के बीच हैदराबाद यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ भौतिक विज्ञानी और पूर्व कुलपति डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने दावा किया है कि बीती चार जुलाई से देश में कोविड-19 के संक्रमण और मौतों का पैटर्न वैसा ही देखा जा रहा है, जैसा इस साल फरवरी के पहले हफ्ते में था। यही मामले अप्रैल के अंत तक देश में गंभीर रूप ले चुके थे।
फिलहाल इसी आधार पर कोरोना के तीसरे लहर की शुरुआत की आशंका जताई जा रही है। वहीं, आईएमए ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पर्यटन स्थलों और धार्मिक समारोह से भीड़ कम नहीं हुईं तो तीसरी लहर भयावह होगी।
राष्ट्रीय औसत से ज्यादा संक्रमण
वर्तमान में देश में कोरोना की जांच पॉजिटिविटी दर 2.3 फीसदी है। इसके मुकाबले पूर्वोत्तर के राज्यों की पांच पॉजिटिविटी दर 7 गुना तक अधिक है। यानी पूरे देश में जिस गति से संक्रमण फैल रहा है, उसके मुकाबले पूर्वोत्तर में हालात कहीं अधिक खराब हैं।
मालूम हो जांच पॉजिटिविटी दर इस बात को दर्शाती है कि एक दिन के भीतर जांचें गए नमूनों में से कितने फीसदी नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
45 जिलों में हाल बेहाल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में देश के 73 जिलों में संक्रमण की दर यानी जांच पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी बना हुआ है, जिसमें से 45 जिले पूर्वोत्तर के राज्यों के हैं। इसे देखते हुए पिछले सप्ताह केंद्र ने विशेषज्ञों की टीम इन राज्यों में भेजी थी ताकि संक्रमण के कारणों का पता लगााकर इसे रोका जा सके।
केरल है बेहाल
देश में पूर्वोत्तर के अलावा केरल का हाल खराब है जहां जांच पॉजिटिविटी दर 10.5 फीसदी बनी हुई है। अच्छी बात यह है कि दूसरी लहर में बेहाल रहे महाराष्ट्र (4.1फीसदी), दिल्ली (0.1फीसदी), उत्तर प्रदेश (0.1फीसदी), मध्य प्रदेश (0.1फीसदी) में संक्रमण दर अभी काफी कम है।
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