जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. हरीश रावत के बयान कि किसान विरोधी भाजपा के मददगार न बनें कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पलटवार करते हुए कैप्टन ने कहा है कि हरीश रावत तो यह भी कहते हैं कि मेरा अपमान नहीं हुआ है, जबकि मेरा अपमान पूरी दुनिया ने देखा है. उन्होंने कहा कि सिद्धू जिस तरह से मेरा अपमान करता रहा उसमें क्या कांग्रेस की मर्जी शामिल नहीं थी. मर्जी न होती तो सिद्धू को रोका जाता. सिद्धू को जिस तरह से सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर महीनों मेरा अपमान करने की खुली छूट दी गई. सिद्धू लगातार मेरे अपमान के लिए फ्री हैण्ड था.
दरअसल पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने उत्तराखंड में कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के अपमान की रिपोर्ट्स में कोई सच्चाई नहीं है. कांग्रेस ने कभी उनका अपमान नहीं किया. कैप्टन को बीजेपी की न तो सीधे तौर पर मदद करनी चाहिए और न ही परोक्ष रूप से ही मदद के बारे में सोचना चाहिए.
कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद से सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. उन्होंने कल ही सिद्धू को चुनौती दे दी थी कि वह पंजाब में कहीं से भी चुनाव लड़ ले उसे हर हाल में हराऊंगा. कैप्टन ने अपने ट्वीटर हैंडल से कांग्रेस शब्द हटा दिया है. उन्होंने लिखा पढ़ी में तो कांग्रेस से इस्तीफ़ा नहीं दिया है लेकिन कल उन्होंने यह बात बहुत साफ़ तौर पर कही थी कि मैं बीजेपी में तो नहीं जा रहा हूँ लेकिन कांग्रेस में भी अब नहीं हूँ.
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दरअसल दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से कैप्टन की मुलाक़ात के बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि कैप्टन बीजेपी में जा रहे हैं. कैप्टन ने बीजेपी में न जाने की बात बहुत स्पष्ट शब्दों में कही है. इसके बाद यह कयास शुरू हो गए हैं कि क्या वह नई पार्टी बनाने जा रहे हैं.