जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत के डी गुकेश काफी सुर्खियों में है। दरअसल डी गुकेश ने 17 साल की उम्र में कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट जीतकर नया इतिहास बना डाला है।
इतना ही नहीं उनकी ये जीत बेहद खास है क्योंकि अब वो कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन को चुनौती देने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए।
इसके साथ ही 40 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस जीत के साथ उनको अब चीन के मौजूदा वर्ल्ड कप चैंपियन डिंग लिरिन से मुकाबला करने का मौका इस साल के आखिरी में मिलेगा।
भारत में जब भी चेस की बात होती है तो सबसे पहले विश्वनाथन आनंद की बात होती है। उन्होंने भारत को कई मौकों पर खुशी के पल दिए है। गुकेश की इस जीत के बाद विश्वनाथन आनंद ने एक्स पर लिखा, कि डी गुकेश को सबसे युवा चैलेंजर बनने के लिए बधाई। आपने जो हासिल किया उस पर गर्व है। मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत गर्व है. इस मोमेंट को एंजॉय करें।
कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट की बात करे तो इससे पहले सबसे कम उम्र में इस खिताब को जीतने का रिकॉर्ड रूस के गैरी कास्परोव के नाम पर दर्ज था लेकिन अब गुकेश ने जीतकर नया इतिहास बनाया है।
गैरी कास्परोव ने ये कारनामा साल 1984 में अपने ही देश के नातोली कारपोव को चुनौती देने के लिए क्वालिफाई किया था। उस वक़्त कास्परोव की उम्र 22 साल की थी।
लेकिन अब, गुकेश ने 17 साल की उम्र में ही नया इतिहास रचा है। गुकेश ने आखिरी राउंड अमेरिका के हिकारू नाकामुरा के साथ ड्रॉ खेला। गुकेश ने टूर्नामेंट में 14 में से 9 प्वाइंट्स हासिल किए।
कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट विश्व चैंपियन को चुनौती देने वाले खिलाडय़िों के लिए आयोजित होता है। अपनी इस शानदार कामयाबी पर गुकेश ने मीडिया से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि बहुत खुशी हो रही है।
मैं उस रोमांचक खेल (फैबियो कारुआना और इयान नेपोमनियाचची के बीच) को देख रहा था और फिर मैं अपने सहयोगी के साथ टहलने गया, लगता है इससे मुझे मदद मिली।