अविनाश भदौरिया
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव में दो सीटों से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। राहुल गांधी के दो जगह से चुनाव लड़ने को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। एक ओर विपक्षी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी हारने के डर से दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि राहुल गांधी के दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने से पार्टी को वहां फायदा होगा। कांग्रेस के नेताओं का यह भी कहना है कि पिछली लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दो लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था तो क्या उन्हें हार का डर था?
ट्विटर पर स्मृति ईरानी और सुरजेवाला में हुई भिडंत
केंद्रीय मंत्री और अमेठी से बीजेपी की प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने इन संभावनाओं पर चुटकी लेते हुए अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधा और लिखा कि बुलावों का स्वांग रचा जा रहा है क्योंकि अमेठी की जनता ने राहुल गांधी को नकार दिया है। स्मृति ईरानी ने लिखा कि अमेठी ने भगाया, जगह-जगह से बुलावे का स्वांग रचाया, क्योंकि जनता ने ठुकराया. #BhaagRahulBhaag सिंहासन खाली करो राहुल जी कि जनता आती है।
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स्मृति ईरानी के इस ट्वीट के जवाब में रणदीप सुरजेवाला के एक ट्वीट करते हुए लिखा, चाँदनी चौक ने हराया, अमेठी ने हरा कर भगाया, जिसे बार बार जनता ने ठुकराया, हर बार राज्य सभा से संसद का रास्ता पाया, अब अमेठी ने हार की हैट्रिक का मौहाल बनाया। #BhaagSmritiBhaag
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केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ सकते हैं राहुल
राहुल गांधी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से तो चुनाव लड़ेंगे ही, एक और सीट से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा है और यह सीट है केरल की वायनाड सीट। केरल कांग्रेस ने राहुल से वायनाड सीट से चुनाव लड़ने की गुजारिश की थी। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने पार्टी की बात मान ली है और जल्दी ही उनके वायनाड से चुनाव लड़ने की घोषणा हो सकती है।
अमेठी में राहुल को स्मृति ईरानी से मिलेगी कड़ी टक्कर
स्मृति ईरानी 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी बीजेपी की तरफ से मैदान में हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार स्मृति ईरानी राहुल गांधी को कड़ी टक्कर देंगी। वह लगातार पिछले पांच सालों से अमेठी में एक्टिव हैं। ईरानी के साथ-साथ पीएम मोदी ने भी कई बार अमेठी का दौरा किया और कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
सपा-बसपा ने नहीं उतारा है उम्मदीवार
सपा-बसपा और आरएलडी के गठबंधन ने इस सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इतना ही नहीं गठबंधन द्वारा अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस को समर्थन भी देने की घोषणा हो चुकी हैं। हालांकि प्रियंका गांधी और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की मुलाकात के बाद खबर आई थी कि मायावती ने कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदार उतारने को अखिलेश ने कहा है, अगर ऐसा होता है तो राहुल गांधी के लिए मुश्किल बढ़ सकती है।
अमेठी की जनता का गांधी परिवार से है भावनात्मक रिश्ता
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी यूपी की अमेठी सीट से 2004 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. वह तीन बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं। इसके पहले भी यह सीट गांधी परिवार का गढ़ रही है। ऐसे में अमेठी के अलावा जब किसी और सीट से राहुल के चुनाव लड़ने की बात अमेठी के लोगों से की जाती है तो वे भावुक भी हो जाते हैं। यहां की जनता गांधी परिवार से भावनात्मक रिश्तों का हवाला देते हुए कहती है, अमेठी कांग्रेस का गढ़ है।