जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भारतीय बल्लेबाजों ने काफी निराश किया है। इस वजह से भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का मुंह देखना पड़ा है। टीम इंडिया का टॉप ऑडर कीवियों के सामने असहज नजर आया है।
इसका नतीजा यह रहा कि भारतीय टीम के हाथ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का खिताब जीतने का सपना टूट गया है। हार के लिए बल्लेबाजों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के खिताबी मुकाबले में मिली हार के बाद चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी भी सवालों के घेरे में है। उनकी नाकामी की वजह से टॉप ऑडर के बल्लेबाजों पर अच्छा-खासा दबाव बन जा रहा है।
ऐसे में कहा जा रहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही टेस्ट सीरीज से पहले पुजारा को अंतिम 11 से बाहर रखा जाता है। अगर पुजारा को मौका नहीं मिलता है तो उनकी जगह केएल राहुल को शामिल किया जा सकता है जबकि विराट कोहली नम्बर तीन पर बल्लेबाजी कर सकते हैं। उधर सुनील गावस्कर ने पुजारा का बचाव किया है और कहा है कि उन्हें बाहर नहीं किया जाना चाहिए।
सुनील गावस्कर ने एक स्पोट्र्स शो के दौरान के कहा कि न्यूजीलैंड की बात करें तो डेवोन कॉनवे, केन विलियमसन, रॉस टेलर ने भी पुजारा की तरह धीमी शुरुआत की थी। पुजारा की सॉलिडिटी की वजह से दूसरे एंड पर बल्लेबाज शॉट खेल सकते हैं।
पुजारा एक छोर को सही पकड़ कर रखते हैं. मयंक अग्रवाल बतौर ओपनर बढयि़ा रहे हैं और वह दो डबल सेंचुरी जड़ चुके है। रोहित शर्मा को एक-दो मैचों में आराम देकर आप गिल और अग्रवाल को मौका दे सकते हैं। इससे पता चल जाएगा कि दोनों में किसकी तकनीक बेहतर है।
गावस्कर ने आगे शो में कहा किटेस्ट क्रिकेट में धैर्य की दरकार होती है। भारतीय बल्लेबाज में इसकी थोड़ी कमी दिखाई दी।
इसकी वजह से उन्होंने शॉट खेलने का प्रयास किया और आउट हुए. जहां पर थोड़ी गेंद हिलती है वहां संयम दिखाना काफी जरूरी होता है। यदि बल्लेबाजों ने संयम दिखाया होता तो बात कुछ और होती।
परिस्थितियां न्यूजीलैंड के अनुकूल थीं और इसका उन्होंने फायदा उठाया। पुजारा ने इससे पहले के 49.48 के औसत की तुलना में बिना किसी शतक के 26.35 के औसत से रन बनाए हैं अब देखना क्या पुजारा को अगले टेस्ट से बाहर किया जाता है या फिर नहीं। हालांकि रहाणे का फॉर्म भी भारतीय टीम को काफी परेशानी कर रहा है।