जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। भारतीय क्रिकेट इस वक्त बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। हाल में सौरभ गांगुली की जगह रोजन बिन्नी को भारतीय क्रिकेट कट्रोल बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
उसके बाद से बदलाव देखने को मिल रहा है। टी-20 विश्व कप में मिली हार के बाद टीम इंडिया में बड़े बदलाव के संकेत मिलने लगे थे। कप्तानी को लेकर बीसीसीआई में इस वक्त चर्चा हो रही है।
बीसीसीआई चाहता है कि क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान बनाया जाये। शायद इसी के तहत टी-20 में हार्दिक को टीम इंडिया कमान सौंपी गई है।
उधर बीसीसीआई के अंदर भी उठापटक देखने को मिल रही है। नया कुनबा अपने तरीके से काम कर रहा है। उसने टी-20 मिली हार के बाद चयन समिति को बर्खास्त कर दिया था और नई चयन समिति बनाने की बात कही थी। हालांकि अभी तक नई चयन समिति का गठन नहीं हुआ है और श्रीलंका के खिलाफ टीम का चयन चेतन शर्मा की पुरानी चयन समिति ने बीसीसीआई के कहने पर किया है।
अब जानकारी मिल रही है कि चेतन शर्मा दोबारा सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन बनाने की फिर से कवायत शुरू हो गई है। देश की जानी-मानी न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर की माने तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से नए सिलेक्शन कमेटी के लिए गठित क्रिकेट सलाहकार समिति ने इंटरव्यू के लिए शॉटलिस्ट किए गए नामों में चेतन शर्मा और हरविंदर सिंह को भी शामिल किया है।
क्रिकेट सलाहकार समिति में अशोक मल्होत्रा, सुलक्षणा नाइक और जतिन परांजपे शामिल हैं। सीएसी की बैठक 29 दिसंबर को मुंबई में होगी और शॉर्टलिस्ट किए गए नामों का इंटरव्यू होगा। बीसीसीआई से मिली जानकारी के अनुसार चेतन शर्मा और हरविंदर सिंह को मिलाकर कुल 60 नए आवेदन आए थे।
इस तरह से चेतन शर्मा और उनके मध्य क्षेत्र के साथी हरविंदर सिंह ने चयनकर्ताओं के पद के लिये फिर आवेदन किया है। उनके अलावा वेंकटेश प्रसाद, नयन मोंगिया, मनिंदर सिंह, अतुल वासन, निखिल चोपड़ा, अमय खुरसिया, ज्ञानेंद्र पांडे और मुकुंद कुमार ने भी चयन समिति के लिए आवेदन किये हैं।
अगर बात ज्ञानेंद्र पांडे की जाये तो वो यूपी क्रिकेट के जाना-माना चेहरा है। इससे पहले वो बीसीसीआई में जूनियर सिलेक्शन कमेटी में शामिल थे। बीबीसीआई की जूनियर चयन समिति में अपने कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के नौ क्रिकेटरों को जूनियर इंडिया टीम में जगह दिलाने में सफल रहे ज्ञानेंद्र पाण्डेय को उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम के कोच भी रह चुके हैं।
चीफ सेलेक्टर पद के लिए जरूरी बातें
- 7 या उससे अधिक टेस्ट मैच का अनुभव हो
- 30 फर्स्ट क्लास मैचों का अनुभव हो
- 10 वनडे या 20 लिस्ट-ए मैचों का भी अनुभव हो
- आवेदन के तकरीबन 5 साल पहले क्रिकेट से रिटायर हो चुका हो
- बीसीसीआई की किसी कमेटी का सदस्य ना हो और अगले 5 साल तक अपनी सेवा दे सके
ज्ञानेंद्र पाण्डेय पर एक नजर
ज्ञानेंद्र पाण्डेय ने क्रिकेट का ककहरा लखनऊ के बाद कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय के हास्टल में सीखा। 1988-89 में वह भारत की अंडर-19 टीम के साथ पाकिस्तान दौरे पर गए थे।
बांए हाथ के स्पिन गेंदबाज के रूप में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की 1989 में शुरुआत करने वाले ज्ञानेंद्र बेहतरीन आलराउंडर के रूप में स्थापित हुए। उनको 1996-97 में उत्तर प्रदेश की रणजी टीम का कप्तान बनाया गया।
उनके नेतृत्व में टीम ने 1997-98 में मुम्बई को मुम्बई में हराकर रणजी ट्राफी फाइनल में जगह बनाई। इसके बाद से उत्तर प्रदेश का क्रिकेट ग्राफ ऊपर उठता गया। मोहम्मद कैफ, ज्ञानेंद्र पाण्डेय, सुरेश रैना, आरपी सिंह, पीयूष चावला, प्रवीण कुमार तथा सुदीप त्यागी के बाद भुवनेश्वर कुमार ने टीम इंडिया में जगह बनाई। अब अगर वो सीनियर सिलेक्शन कमेटी के मेंबर बनते हैं तो यूपी क्रिकेट के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।