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क्या कोरोना का असर बच्चों पर भी हो सकता है ?

न्यूज डेस्क

दुनिया के कई देशों के बाद अब कोरोना वायरस भारत में भी दस्तक दे चुका है। यहां अब तक 29 मामले सामने आ चुके हैंं। ये मामले केरल, जयपुर, तेलंगाना और दिल्ली में सामने आए हैं। इन सभी को निगरानी पर रखा गया है।

अब तक दुनिया भर में कोरोना वायरस कोविड-19 के 93,090 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। यह वायरस 76 देशों में फैल चुका है और इसकी वजह से अब तक 2,984 लोगों की मौत चुकी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित चीन रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस के पहले मामले की पुष्टि 31 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान में हुई थी। 30 जनवरी 2020 को इसे पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी घोषित कर दिया गया। 11 फरवरी को इस नए वायरस को कोविड 19 नाम दिया गया।

भारत में कोरोना वायरस को लेकर दहशत का माहौल है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।

सरकार ने सावधानी बरतते हुए कुछ कदम उठाए हैं लेकिन आम लोगों के बीच कोरोना को लेकर कई सवाल हैं।खान-पान को लेकर, बच्चों को लेकर, दवाइयों को लेकर बहुत सारे सवाल लोगों के जेहन में है।

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बीबीसी की खबर के अनुसार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा ने कोरोना को लेकर कुछ जानकारी दी है। डॉ. शर्मा के मुताबिक कोरोना वायरस ज़्यादातर मामलों में एक-दूसरे को छूने से फैलता है। इसीलिए कोरोना वायरस का पता लगने पर मरीजों को अलग रखा जाता है, छोटे-छोटे समूह में। कोरोना वायरस सात से आठ घंटे में नष्ट हो जाता है।

3 मार्च को कोरोना वायरस की वजह से नोएडा के स्कूलों को बंद करने की खबरें आई थी। इससे लोग दहशत में आ गए थे। लोगों के जेहन में सवाल है कि क्या कोरोना का असर बच्चों पर भी हो सकता हैं?

डॉ. राजन शर्मा के मुताबिक कोरोना आमतौर पर बच्चों को प्रभावित नहीं करता है। अगर किसी को लक्षण महसूस होते हैं तो डॉक्टर के पास जाएं।

जिन लोगों की उम्र 58 से ज़्यादा होती है, कोरोना का असर ऐसे बुजुर्गों पर ज्यादा होता है। इसके अलावा गांव-देहात में कोरोना वायरस के फैसले की आशंका कम है। यह एक शहरी बीमारी है। हर खांसी, ज़ुकाम कोरोना वायरस नहीं हो सकता है।

डॉ. शर्मा के अनुसार मौसम बदलने के साथ ही कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। इसका कोई फौरी इलाज नहीं है। अगर आपको कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

चिकन या अंडा खाने से कोई दिक्कत नहीं

ऐसी अफवाह है कि चिकन और अंडा खाने से कोरोना वायरस हो सकता है? डॉ. राजन के मुताबिक चिकन खाने से कोरोना वायरस होने जैसी बातें सच नहीं हैं। देश में जैसे खाना पकाया जाता है, उससे किसी वायरस के बचने की संभावना कम ही है। चिकन या अंडा खाने से कोई दिक्कत नहीं है।

उन्होंने कहा कि गर्मी आने पर कोरोना वायरस का असर कम हो जाएगा। जैसे ही तापमान बढ़ेगा इसका असर कम होने लगेगा।

डॉ. राजन के मुताबिक सरकार ने जहां कोरोना सेंटर बनाए हैं, वहां लक्षण महसूस होने पर दिखाये।

उन्होंने कहा कि भारत में इतने धार्मिक मेले होते हैं, लोगों की भीड़ जुटती है, लेकिन कभी कोई वायरस नहीं फैलता है। अगर कोरोना से बचाव की बात करें तो थ्री-लेयर्ड मास्क होते हैं। दूसरा मास्क N-51 होता है। आम लोग साधारण सर्जिकल मास्क भी पहन लें तो ठीक रहेगा।

कुल मिलाकर कोरोना से बचने का एक ही तरीका है कि सफाई का ध्यान रखे। कोरोना का इलाज नहीं है। सुरक्षा ही बचाव है। भीड़-भाड़ में जाने से बचें। अगर जा रहे हैं तो मास्क लगाकर जाएं।

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