जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटा विपक्ष अब एक हो गया है। कल इंडिया गठबंधन की बैठक हुई है लेकिन असल मुद्दा अभी सुलझा नहीं है।
दरअसल मोदी को रोकने के लिए कांग्रेस और सभी विपक्ष एक जरूर हो गए लेकिन सीटों के बटवारे को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं हुई।
यूपी में अखिलेश यादव अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ केजरीवाल की पार्टी दिल्ली और पंजाब में अपनी दावेदारी को मजबूत बता रही है।
ऐसे में कांग्रेस बीच का रास्ता तलाश रही है। इस बीच पश्चिम बंगाल में ममता की पार्टी चाहती है कि सीटों को लेकर बातचीत कर ली जाये ताकि चुनाव में उतरने के वक्त किसी तरह का विवाद न हो। कांग्रेस भी अब चाहती है कि पश्चिम बंगाल में ममता के साथ हाथ मिलाया जाये।
इसको लेकर कांग्रेस ने विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के सामने सीट शेयरिंग ही सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। दिल्ली में इसी मामले को लेकर कांग्रेस की अहम बैठक हुई। कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में आगे की रणनीति को लेकर स्थानीय नेताओं की राय ली गई है।
बताया जा रहा है लोकसभा चुना में कांग्रेस लेफ्ट (वामदलों) की बजाय ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ हाथ मिला सकती है लेकिन कांग्रेस चाहती है कि ममता से कम से कम छह से आठ सीटें ऑफर करें तो गठबंधन का रास्ता साफ हो जायेगा।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी ने बंगाल के सभी नेताओं की राय ली है और पूछा है कि कितने लोग टीएमसी के साथ गठबंधन चाहते हैं? सभी चाहते है कि ममता के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाये तो बेहतर रहेंगा।
बंगाल कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि टीएमसी से गठबंधन में कम से छह से आठ सीटें मिलती है तो काफी अच्छा रहेंगा। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं गठबंधन में सीटों की बात करूंगा।
कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, कि पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेताओं के साथ आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई। हमारे नेता और कार्यकर्ता हमारा संदेश और संकल्प घर-घर तक पहुंचाएंगे। एआईसीसी मुख्यालय में बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, रणनीति आलाकमान तय करेगा। इस मीटिंग में हमारे विचार लिए गए।