जुबिली न्यूज डेस्क
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाला है. ऐसे में सभी दलों ने अपना कमर कस लिया है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी ही उसकी मुश्किलें पढ़ा रही है.
बता दे कि हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला चुनावी राज्य राजस्थान में बीजेपी के साथ राजनीतिक दांव पेंच आजमा रहे हैं.
एक ही सीट पर दोनों पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे
राजस्थान चुनाव के लिए जेजेपी की छह उम्मीदवारों की पहली लिस्ट सोमवार शाम को जारी की गई, जिससे हरियाणा में उसके साथी बीजेपी के साथ संभावित गठबंधन का दरवाजा खुला रह गया, क्योंकि उसने उन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित करने से परहेज किया है, जहां बीजेपी पहले ही ऐसा कर चुकी है. हालांकि, एक सीट ऐसी है जहां दोनों पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे हैं.
बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है
हालांकि, चौटाला की पार्टी का राजस्थान के 200 में से 25-30 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा है, जो बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है. जेजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में सूरतगढ़, फतेहपुर, दांता रामगढ़, खंडेला, कोटपूतली और भरतपुर विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. दांता रामगढ़ को छोड़कर, जहां वह गजानंद कुमावत को मैदान में उतार रही है, बीजेपी ने अभी तक इन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है.
चौटाला ने सोमवार को फोन पर कहा, “हमने आगामी राजस्थान चुनाव में 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पहली लिस्ट इसलिए जारी की गई क्योंकि हम नवरात्रि के पावन अवसर पर इसकी घोषणा करना चाहते थे. अन्य सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा जल्द ही की जाएगी.” चौटाला हाल ही में राजस्थान की यात्रा के बाद चंडीगढ़ लौटे हैं, जहां वह विशेष रूप से ग्रामीण जाट क्षेत्र में प्रचार अभियान में सक्रिय रहे थे.
गठबंधन को लेकर चौटाला ने कहा
उन्होंने कहा, “राजस्थान में हमारे बड़े समर्थक हैं, इसलिए हमारी पार्टी, जो (परदादा) चौधरी देवीलाल की राजनीतिक विरासत का दावा करती है और उनके नाम पर जिसका नाम जननायक है, राज्य विधानसभा चुनाव लड़ना स्वाभाविक है.” राजस्थान चुनाव के लिए जेजेपी के बीजेपी के साथ गठबंधन करने की संभावना पर, चौटाला ने एक संक्षिप्त जवाब दिया: “मैं इसपर कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहता.” हालांकि, उन्होंने दावा किया कि जेजेपी के पास राजस्थान विधानसभा की “चाबी” है. बता दें कि “चाबी” उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न भी है.
बीजेपी-जेजेपी गठबंधन में तनाव
जुलाई में हरियाणा बीजेपी प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ ने एक मीडिया संस्थान को बताया था कि यह एक ‘मज़बूरी का गठबंधन’ था और पार्टियां 2024 के लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनावों में अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी. फिर, इस महीने की शुरुआत में, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने घोषणा की कि अगर जेजेपी के साथ गठबंधन जारी रहा तो वह बीजेपी छोड़ देंगे.
ये भी पढ़ें-भारत के बारे में संयुक्त राष्ट्र की ये रिपोर्ट डराने वाली है! जानिए ऐसा क्यों
क्या जेजेपी बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर रही है?
हरियाणा में कृषि जाट वोट आधार रखने वाले दुष्यंत चौटाला अब खुद को राजस्थान में भी किसानों के नेता के रूप में स्थापित कर रहे हैं.हालांकि, जूरी इस बात पर असमंजस में है कि क्या जेजेपी राजस्थान विधानसभा चुनावों में बीजेपी या कांग्रेस के हितों को नुकसान पहुंचा सकती है.