जुबिली न्यूज़ डेस्क
कैग की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद बिहार में हंगामा मच गया है। कैग की जो रिपोर्ट सामने आई हैं। उसमें बिहार में हुए घोटाले की बात सामने आई हैं जिसके बाद वहां सियासी हलचल बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि कैग ने जिस घोटाले का खुलासा किया है वो बॉडीगार्ड घोटाले से संबंधित है। इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिये कैग ने अपनी रिपोर्ट में किया है।
कैग की रिपोर्ट से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार, बिहार में सिस्टम की मिलीभगत से बॉडीगार्ड घोटाला हुआ है। इससे राज्य सरकार को 100 करोड़ से अधिक का राजस्व का चूना लगा है।
दरअसल आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने आरटीआई के तहत बड़ी संख्या में लोगों को बॉडीगार्ड मुहैया कराने के मामले में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में कैग की ओर से मिली जानकारी में प्रदेश के कई जिलों में वित्तीय गडबड़ियों की जानकारी सामने आई है।
कैग ने जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार, राज्य सरकार ने अरवल जिले में सबसे ज्यादा 1.24 करोड़ रुपये बॉडीगार्ड के ऊपर खर्च किए हैं, जबकि अररिया में 1 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी हुई है।
इसी तरह समस्तीपुर में 1 करोड़, पटना में 87 लाख, गया में 73 लाख और बक्सर में 44 लाख रुपये बॉडीगार्ड पर खर्च हुए हैं। साथ ही कई और भी जिले हैं जहां पर बॉडीगार्ड के ऊपर लाखों रूपये खर्च किये गये हैं। इससे सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है।
वहीं आरटीआई कार्यकर्ता ने शिवप्रकाश राय नियमों का हवाला देते हुए कहा कि, पटना हाईकोर्ट के आदेश में स्पष्ट है कि सरकार उन लोगों पर ही बॉडीगार्ड के मद से पैसे खर्च कर सकती है, जो सामाजिक सरोकार से जुड़े हों या उनकी जान को खतरा हो।
लेकिन जो रिपोर्ट कैग ने दी हैं उससे तो हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों और माफियाओं को बॉडीगार्ड मुहैया कराए गए है। इसके बदले उनसे कोई राशि भी नहीं वसूली गई। आरटीआई कार्यकर्ता राय ने कहा कि अगर सरकार इस धनराशि की वसूली नहीं कर ती है तो वह सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
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वहीं सामने आये इस घोटाले के बादकई बड़े अधिकारियों के ऊपर गाज गिर सकती हैं। ये घोटाला वर्ष 2017 से लेकर 2021 के बीच बॉडीगार्ड आंवटन में किया गया है। इस रिपोर्ट के बारे में बिहार पुलिस मुख्यालय को भी जानकारी है।
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इस रिपोर्ट पर कार्रवाई हो करने के बाद कई जिलों के डीएम और एसपी भी जांच के घेरे में आ जाएंगे। इन अधिकारियों पर आरोप है कि निजी स्वार्थ में इन्होंने सरकार के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है ।