न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। अपने संसदीय इलाके लखनऊ में पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हुए हमले को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है और ऐसे ही हालात के चलते नागरिकता संशोधन अधिनियम लाना पड़ा।
साथ ही कहा कि नागरिकता कानून किसी मजहब के खिलाफ नहीं है। विपक्षी पार्टियां केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस कानून को लेकर भ्रम फैला रही हैं। इससे किसी को भी भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
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उन्होंने कहा कि एनआरसी का काम सिर्फ असम में किया जा रहा है और कुछ हद तक यह पूरा भी हो चुका है। वहां यह काम उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हो रहा है। सरकार ने इस सिलसिले में कोई पहल नहीं की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं।
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रक्षामंत्री ने कहा कि नागरिक संशोधन अधिनियम उनके लिए है जिनका धार्मिक उत्पीड़न हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष से ये मेरा सवाल है कि जब पहले इस तरह की व्यवस्था की गई तो अब अवय्वस्था क्यों उत्पन्न की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह पक्की सोच है जो पक्का हिंदुस्तान का है और वो जाति पंथ के आधार पर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि गुमराह करने का सिलसिला बंद होना चाहिए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीजेपी के जनजागरण में महासंपर्क अभियान का नेतृत्व करने लखनऊ पहुंचे। इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इस नागरिकता से किसी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पिछले 6 वर्षों में 3 हजार लोगों को देश की नागरिकता दी गई, जिसमें इस्लाम के मानने वाले भी हैं। भारत की सांस्कृतिक विशेषता है कि सारे देश को अपना मानते हैं। उन्होंने कहा कि यह नागरिकता संशोधन पुस्तक वितरित कर रहे हैं, लोग उसे पढ़ें।
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