Monday - 28 October 2024 - 9:00 PM

CAA : जर्मनी के छात्र को मिला देश छोड़ने का फरमान

न्यूज डेस्क

जर्मनी के एक छात्र को भारत छोड़कर जाने को कहा गया है। उसे देश छोड़कर जाने के लिए इसलिए कहा गया क्योंकि उसने नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरूवंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने मानव संसासन विकास मंत्रालय से जवाब मांगा है।

जर्मनी के इस छात्र का नाम जैकब लिंडेथल है, जो ड्रेसडेन में रहता है। वह आईआईटी मद्रास से विज्ञान की पढ़ाई कर रहा है। कांग्रेस नेता थरूर ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘यह निराशाजनक है। हमारा एक गौरवपूर्ण लोकतंत्र हुआ करता था, जो दुनिया के लिए एक उदाहरण है। कोई भी लोकतंत्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए दंडित नहीं करती है। मैंने डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक (एचआरडी मंत्री) को फोन किया ताकि वह आईआईटी मद्रास को निर्देश दे सकें कि छात्र के निष्कासन को वापस लिया जाए। जिससे कि अकादमिक दुनिया में भारत का सिर ऊंचा खड़ा हो।’

जैकब लिंडेथल ने इस साल अगस्त में एक्सजेंच प्रोग्राम के तहत एमएस प्रोग्राम में दाखिला लिया था। जैकब ने बताया कि आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन में हिस्सा लेने की वजह से खरी-खोटी सुनाई और देश छोड़कर जाने को कहा। उन्होंने बताया कि उनके विभाग के स्टाफ ने उन्हें सूचित किया कि उन्हें आव्रजन अधिकारियों ने समन भेजा है।

जैकब ने कहा, ‘मैं आव्रजन कार्यालय गया। वहां शुरुआती बातचीत काफी मित्रतापूर्ण थी। इसलिए मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया। इसके बाद उन लोगों ने मुझे खरी-खोटी सुनाना शुरू कर दिया कि मैंने सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में हिस्सा क्यों लिया। तब मुझे अहसास हुआ कि मामला गंभीर हो गया है।’

गौरतलब है कि जैकब ने १६ दिसंबर को सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इसके बाद उन्हें तुरंत देश छोड़कर जाने के लिए कहा गया।

सीएए के खिलाफ जो प्रदर्शन हुआ था वह आईआईटी मद्रास के छात्रों ने निकाला था। सभी छात्र कैंपस के गजेंद्र सर्किल के आस-पास इकट्ठा  हुए और उन्होंने हिमालय ब्लॉक तक मार्च निकाला। उनका मार्च जामिया और एएमयू के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए था। ये छात्र केंद्र सरकार से एनआरसी और सीएए को वापस लेने की मांग कर रहे थे। लिंडनथल प्रदर्शन के दौरान मौजूद प्रदर्शनकारियों में से एक थे। इसके तुरंत बाद उन्हें देश छोडऩे के लिए चेन्नई में स्थित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) से मौखिक निर्देश मिले।

 यह भी पढ़ें : इंटरनेट तो रोक लेंगे आंदोलन कैसे रोकेंगे

 यह भी पढ़ें : झारखंड नतीजों के बाद सीएम योगी क्यों हो रहे हैं ट्रोल

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com