न्यूज डेस्क
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर अफीफुल्लाह खान ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण नहीं बताया है लेकिन ऐसा उन्होंने छात्रों के दबाव में किया है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 15 दिसंबर 2019 को परिसर में हिंसा हुई थी। छात्र समन्वय समिति ने इस हिंसा के मद्देनजर विश्वविद्यालय के प्रमुख अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की 3 फरवरी को किया था। मांग के अगले दिन यानी 4 फरवरी को प्रॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया।
एएमयू के प्रवक्ता ओमर पीरजादा ने कहा, प्रॉक्टर खान ने इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा स्वीकार हो गया है। प्रॉक्टर ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। उन्होंने इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने उनके स्थान पर कानून विभाग के प्रोफेसर वासिम अली को नया प्रॉक्टर नियुक्त किया है।
वहीं छात्र समन्यवय समिति के प्रवक्ता फैजुल हसन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रॉक्टर प्रोफेसर अफीफुल्लाह खान के इस्तीफे का हम स्वागत करते हैं। छात्र समुदाय अन्य अधिकारियों के इस्तीफे की अपनी मांग पर अभी भी कायम है।
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द हिंदू अखबार के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि प्रॉक्टर प्रोफेसर अफीफुल्लाह खान का इस्तीफा माहौल को शांत कराने के लिए मांगा गया। फिलहाल यह कक्षाओं में वापस जाने के लिए तैयार छात्रों के लिए एक तोहफा है।
वहीं एक शिक्षक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इससे छात्रों को अपनी मांगें जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा। प्रशासन यह दिखाना चाहता है कि वे छात्रों की मांगों पर ध्यान दे रहे हैं और यूनिवर्सिटी में सत्ता का केंद्र नहीं माने जाने वाले प्रोफेसर खान उन चार लोगों में सबसे कमजोर कड़ी थे जिनका इस्तीफा मांगा जा रहा था।
एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने न्याय की लड़ाई में प्रोफेसर खान के इस्तीफे को जीत बताया। हम कुलपति, रजिस्ट्रार और छात्र कल्याण के डीन के इस्तीफे की मांग जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि बीते 15 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए व एनआरसी और नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था। यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था जिसमें छात्र और पुलिसकर्मियों की झड़प में में 100 लोग जख्मी हो गए थे। इनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल थे.
वहीं, एएमयू के छात्रों पर हुए कथित लाठी चार्ज मामले की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को सौंप दी है।
एएमयू के पांच छात्रों के खिलाफ गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला जलाने पर मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि एएमयू परिसर में इन छात्रों ने शाह और आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी की थी तथा पुतला जलाया था। जिन स्टूडेंट के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है उनमें अमीरूल जैश, अम्मार अहमद, फरहान, आसिफ हुसैन और निहाद पीवी के अलावा कुछ अज्ञात भी शामिल हैं।
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