जुबिली स्पेशल डेस्क
साल 2020 खत्म होने जा रहा है लेकिन ये साल कई वजहों से बरसों तक याद किया जायेगा। जहां एक ओर पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में आ गई तो दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाओं ने भी खूब कहर बरपाया है।
चीन से निकला कोरोना कब खतरनाक हो गया ये किसी को पता नहीं चला। जिंदगी खतरे में पड़ती दिखायी पड़ी। इस साल कोरोना को रोकने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया लेकिन उसका कहर अब भी जारी है।
दूसरी ओर इस साल कुछ प्राकृतिक आपदाओं ने इंसानी जिंदगी को खत्म किया है। आइए जानते हैं इस साल कोरोना के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के बारे जिसने कहर बरपाया है।
कोरोना वायरस का कहर अब भी जारी है
इस साल सबसे ज्यादा किसी ने तबाही मचायी है तो वो कोरोना वायरस। चीन से निकला कोरोना अब पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बनकर सामने आया है।
साल खत्म हो रहा है लेकिन कोरोना पर ब्रेक नहीं लगा है। कोविड 19 ने दुनिया भर में करीब 18 लाख जानें लीं और 8.2 करोड़ लोगों को चपेट में लिया। कोरोना की वजह से पूरे विश्व में आर्थिक हालात खराब हो गए है।
जंगल की आग बनी बड़ा खतरा
इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग काफी नुकसान पहुंचाती नजर आई। ब्लैक समर के नाम से शुरुआती दिनों में सुर्खियों में रही आग में 3 करोड़ एकड़ का जंगल स्वाहा हो गए।
इतना ही नहीं 33 लोगों की जिंदगी और एक अरब जानवरों की मौत की खबर ने हर कोई दुखी हो गया। कैलिफोर्निया में इस साल जंगलों की आग से करीब 43 लाख 60,000 एकड़ का जंगल खत्म हो गए। भारत में इसी तरह का मामला उत्तराखंड में सामने आया उत्तराखंड में 51.34 हेक्टेयर जंगल जलाने वाली आग की खबर दब गई।
भूकंपों से भी दहली धरती
मार्च के महीने में क्रोएशिया की राजधानी ज़ाग्रेब में भूकंप के खतरनाक झटके महसूस किये गए। भूकंप इतना खतरनाक था कि कई इमारतें ढह गई थीं, जिससे 6 अरब डॉलर नुकसान भी उठाना पड़ा।
इसके बाद जून माह में मेक्सिको में भी भूकंप आया। अक्टूबर में तुर्की के इज़मीर में भूकंप का खतरनाक झटका महसूस किया गया और इसमें 116 लोगों की जिंदगी तबाह हो गई।
चीन, ईरान, भारत और रूस कई भूकंप आने की खबर भी खूब सुर्खियों में रही। इनके अलावा, अंटार्कटिका में ग्रीन स्नो और फिलीपींस में ज्वालामुखी धधकने के खतरे भी बने रहे।
तूफान ने इस साल खूब मचायी तबाही
बंगाल की खाड़ी में दूसरा सबसे बड़ा तूफान अम्फान का कहर भी इस बार टूटा है। मई के महीने में पश्चिम बंगाल में इस तरह के तूफान ने अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया। बंगाल में 86 लोगों की जान चली गई है। इतना ही नहीं बिजली कटी, लोग बेघर हुए, ट्रांसपोर्ट प्रभावित रहा। करीब 45 लाख लोग इस चक्रवात से प्रभावित हुए।
जब टिड्डी ने मचाया आतंक
रेगिस्तानी टिड्डी दलों ने भारत में खूब आतंक मचाया। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत 10 राज्यों में टिड्डियों का भारी आतंक देखने को मिला। भारत ही नहीं, बल्कि अफ्रीका के एक दर्जन से ज़्यादा देशों सहित पाकिस्तान और नेपाल जैसे देश भी टिड्डी हमलों से जूझते रहे।