जुबिली न्यूज़ डेस्क
मुंबई। महिलाओं की सबसे अधिक पसंदीदा चीजों में सोने के आभूषण भी एक हैं। इधर सोने की बढ़ती कीमतों की वजह से सोने के आभूषणों को कोई हाथ भी नहीं लगा रहा।
आगामी बजट 2021- 22 में अगर सोने पर सीमा शुल्क घटा लिया जाता है तो महिलाओं को थोड़ी राहत मिल सकती है। इंपोर्ट ड्यूटी घटने से सोना थोड़ा सस्ता होगा और उनके पसंदीदा जेवर भी कम रेट पर मिलेंगे।
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने आगामी केंद्रीय बजट में सोने पर सीमा शुल्क को घटाकर चार फीसद करने, स्रोत पर एकत्र किए गए कर (टीसीएस) को वापस लिए जाने, पॉलिस किए हुए बहुमूल्य एवं अर्ध- मूल्यवान रत्नों पर आयात शुल्क में कटौती किए जाने की मांग की है।
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अगर ऐसा हुआ तो सोने के अभूषण सस्ते होंगे। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू रत्न एवं आभूषण परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष आशीष पेठे के अनुसार सरकार से सोने पर सीमा शुल्क को मौजूदा 12.5% से घटाकर 4% करने का आग्रह करते हैं। यदि कर की दर इस स्तर पर नहीं रखी जाती है, तो यह तस्करी को बढ़ावा देने और लोगों को असंगठित व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
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उन्होंने आगे सरकार से एचसीएन -71 (हार्मोनाइज्ड सिस्टम नोमेनक्लेचर) के तहत आने वाली जिसों को संग्रहित कर (टीसीएस) प्रावधानों के दायरे से बाहर रखने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि टीसीएस में अवरुद्ध धनराशि आयकर का भुगतान करने की क्षमता से 6.67 गुना अधिक है।
पेठे ने कहा कि रत्नों और आभूषण उद्योग के लिए कर्ज पर समान मासिक किस्त (ईएमआई) की सुविधा दी जानी चाहिए और नकद खरीद की सीमा को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करना चाहिए।
रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने सरकार से आग्रह किया है कि वह कीमती और अर्ध-कीमती रत्नों पर आयात शुल्क घटाकर 2.5% करें, जो मौजूदा समय में 7.5% है।
अपनी बजट सिफारिशों में, जीजेईपीसी ने सिंथेटिक रूप से तराशे और पॉलिश किए गए रत्नों पर आयात शुल्क को पांच फीसद से बढ़ाकर 25% करने का भी सुझाव दिया है।
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