न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों को लेकर शुरू हुई बस पॉलिटिक्स अब दूसरे फेज में पहुंच चुकी है। इस सियासी जंग में राजस्थान सरकार की एंट्री हुई है। उत्तरप्रदेश में बसों को लेकर हो रहे सियासी ड्रामा के बीच योगी सरकार ने राजस्थान सरकार के कोटा से बसों द्वारा भेजे गए छात्रों के पैसे आज चुकता किए है। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान सरकार के 36,36,664 रुपए के बिल यूपी सरकार (UP Govt) को भेजने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने 19 लाख 76 हजार रुपए अशोक गहलोत सरकार को भेज दिया है।
इसके बाद राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने बीजेपी और केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक श्रमिकों को राहत देने के लिए कोई नीति नहीं बनाई है। श्रमिक सड़कों पर पैदल भूखा प्यास चल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए 1000 बसें भेजी, लेकिन यूपी सरकार ने इसमें बाधाएं डाली। बसों को एंट्री नहीं दी। पहले कहा बसें लखनऊ भेजो। बसें बॉर्डर पर भेज दी तो कभी फिटनेस तो कभी कुछ कहकर अड़ंगे लगाए।
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डिप्टी सीएम पायलट को शुक्रवार को जयपुर में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और यूपी कांग्रेस के सह प्रभारी सचिव जुबेर खान के साथ मीडिया से रू-ब-रू हो रहे थे। इस दौरान पायलट ने यूपी से श्रमिकों की वापसी और बस के मुद्दे को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को जमकर घेरा। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा था कि प्रियंका गांधी बसें भेजेंगी तो अनुमति दे दूंगा। लेकिन बसें भेजने के बाद 1032 बसों को बॉर्डर पर रोक लिया।
यूपी सरकार ने केंद्र के आदेश का उल्लंघन किया है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। कांग्रेस की बसों से फिटनेस सर्टिफिकेट मांगा। जबकि केंद्र ने अप्रैल में ही सभी राज्यों को निर्देश दिए कि 30 जून तक बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी।
बता दें कि पिछलें दिनों जब राजस्थान के कोटा में उत्तर प्रदेश के हजारों छात्र फंसे हुए थे, तब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हजारों छात्रों को वापस लाने के लिए राजस्थान सरकार के बसों का भी मदद लिया था। जिससे लगभग यूपी के लगभग 8,000 छात्र वापस यूपी रातोंरात लौट सके थे। जिसका राजस्थान सरकार के भेजे गए बिल का पैमेंट कर दिया गया है।