न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड 323 कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले सामने आए हैं। इससे पहले 17 मई को सर्वाधिक 208 मामले पाए गए थे। मंगलवार को मिले 323 नए संक्रमित मरीजों में सबसे ज्यादा बस्ती के 44 हैं। इसके साथ ही यूपी में अब तक 4926 मरीज कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। वहीं प्रवासी श्रमिकों की हालत भी किसी से छुपी हुई नहीं है।
लेकिन इस कठिन समय में भी प्रदेश की योगी सरकार और कांग्रेस राजनीति की बस सवार होकर एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कोरोना वायरस और लॉकडाउन से चल रही जंग के बीच कांग्रेस और बीजेपी में मजदूरों पर सियासत हो रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मजदूरों के लिये बस चलाने की डिमांड रखी तो यूपी सरकार ने इजाजत दे दी।
लेकिन सरकार ने कांग्रेस की बसों की लिस्ट का पोस्टमॉर्टम भी कर दिया। कई वाहनों के थ्री व्हीलर और टू व्हीलर होने का दावा किया गया। लेकिन इस सबके बीच जो बसें मजदूरों को उनके घर तक छोड़ सकती हैं उन्हें भी फिलहाल प्रशासन की मंजूरी नहीं मिली है। मामला थाने तक पहुंच गया है और बसें अभी तक यूपी बॉर्डर पर ही खड़ी हैं।
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इस पूरे घटनाक्रम पर फतेहपुर सीकरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर ली गई। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमाल लल्लू और विवेक बंसल को हिरासत में ले लिया गया. आगरा के एसएसपी बब्लू कुमार ने बताया कि दोनों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
प्रवासियों को उनके गृह जनपद भेजने के लिए कांग्रेस की बसों की मुहिम को लेकर मंगलवार को दिनभर सियासत हुई। कांग्रेसी दावा करते रहे कि कामगारों को उनके गृह जनपद पहुंचाने के लिए उनके पास पांच सौ बसें हैं, वहीं पुलिस अधिकारी कहते रहे कि मात्र तीस बसें मिलीं। अधिकांश की स्थिति ऐसी नहीं थी कि उनसे कामगारों को भेजा जा सके, बसों की जांच कराई जा रही है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह भी मंगलवार रात बसों के साथ नोएडा-गाजियाबाद बॉर्डर पर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह का पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि हम 19 मई की सुबह से ही नोएडा और गाजियाबाद की सीमा के साथ-साथ सीमा पर हैं और आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हम 20 मई को शाम 4 बजे तक बने रहेंगे।
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शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मलिक व महासचिव वीरेंद्र गुड्डू, जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी व नोएडा महानगर अध्यक्ष शाहबुद्दीन के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने जिला प्रशासन को पांच सौ बसों की लिस्ट सौंपी। तय हुआ कि बसें ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट भेजी जाएंगी। वहीं एआरटीओ बसों की स्थिति चेक करेंगे। उसके बाद प्रशासन के माध्यम से कामगारों को घर भेजा जाएगा। शाम करीब साढ़े पांच बजे कांग्रेस नेता बसों के काफिले के साथ सेक्टर-125 के पास एक्सप्रेस-वे पर पहुंच गए।
महामाया फलाईओवर के पास बसों को डीसीपी जोन एक संकल्प शर्मा और एडीसीपी रणविजय सिंह ने रोक कर चालकों और उनके कागजात की जानकारी मांगी। लेकिन, कांग्रेसी बसें लेकर ग्रेटर नोएडा एक्सपो मार्ट जाने पर अड़ गए। इस पर दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई।
इसी बीच पुलिस पुलिस अधिकारियों ने एआरटीओ और उनकी टीम को मौके पर बुलवाकर गाड़ियों की चेकिंग शुरू कराई तो फिर कांग्रेसी नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र गुड्डू ने बताया कि करीब 100 बसों को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-125 के पास रोक दिया गया, वहीं कुछ बसों को सेक्टर-39 थाने में खड़ा कर दिया गया है।
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डीसीपी जोन संकल्प शर्मा ने कहा कि कांग्रेसियों द्वारा उपलब्ध बसों की जांच के लिए एआरटीओ को कहा गया है। मौके पर करीब तीस बसें थीं, उनके बारे में परिवहन विभाग के अधिकारी जांच पड़ताल कर रहे हैं। जांच के बाद ही आगे का फैसला लेंगे।
गौतमबुद्ध नगर के एआरटीओ एके पांडेय ने कहा कि हम लोग दिन भर ग्रेटर नोएडा एक्सपो मार्ट पर खड़े रहे, लेकिन कांग्रेस की एक भी बस यहां नहीं पहुंची। कुछ बसें एक्सप्रेस-वे पर होने की सूचना मिली थी। उसके बारे में जांच की जा रही है।