राजेंद्र कुमार
जी हाँ! सूबे के कई आला अफसरों की अंतिम चेतावनी दी गई है। वह भी सीधे मुख्यमंत्री के स्तर से। ये सीनियर अफसर अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के हैं। चेतावनी पाने वाले यह सारे ही अधिकारी समय से अपने दफ्तर नही आते। और सरकार के तय किये गए समय तक दफ्तर में नही बैठते।
इनमे से कुछ अफसर तो महीने में अधिकतर समय दिल्ली में रहते हैं क्योंकि उनका मकान ही दिल्ली में है। और करीब पन्द्रह अफसर ऐसे हैं जो अधिकतर समय छुटटी पर रहते हैं। इसका परिणाम यह है कि उक्त अफसरों के मातहत भी दफ्तर में देर से आते हैं। ऐसे में अपनी समस्याओं के निदान को लेकर इस अफसरों के दफ्तरों में पहुंचने वाले लोग भटकते रहे हैं।
उनकी कोई सुनवाई ही नहीं हो पाती। आला अफसरों की ऐसी मनमानी से प्रभावित किसी नेता ने मुख्यमंत्री को अफसरों के दफ्तर से गायब रहने के बारे में बताया। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने गुप्त रूप से यह पता लगवाया कि कौन-कौन अफसर अपने दफ्तर समय से नहीं आते? और कौन अधिकारी ऐसे हैं जो अधिकतर समय दिल्ली में रहते है? और कौन अधिकारी अधिकतर छुटटी पर रहते हैं?
सूत्रों के अनुसार बीते माह मुख्यमंत्री को ऐसे अफसरों के बारे में जानकारी मिल गई तो एक आला अफसरों की एक बैठक में मुख्यमंत्री ने किसी भी अधिकारी का नाम लिए बिना ही यह ऐलान किया कि उनके संज्ञान में अफसरों के समय से दफ्तर ना आने और तय समय तक दफ्तर में ना बैठने की प्रकरण सामने आये हैं।
इसलिए अबसे सभी अफसर अपने कार्यालय समय से आये, ताकि उनेक अधीनस्थ भी समय से दफ्तर आना शुरू करें। और सरकार को किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई ना करनी पड़े। मुख्यमंत्री के इस कथन को अब अंतिम चेतावनी बताया जा रहा है।
यह भी कहा जा रहा है कि सीएम साहब अपने स्तर पर यह पता लगवा रहें हैं कि जिन अफसरों के दफ्तर से गायब रहने की शिकायत मिली थी वह अब समय दफ्तर आ रहे हैं या नही।
देर से मिला पास
लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सफल मेगा इवेंट साबित हुआ है। समूचे संसार से इसमें शिरकत करने के लिए बड़े-बड़े लोग आये। प्रधानमंत्री इस एक्सपो को संबोधित किया। एक्सपो में लगायी गई प्रदर्शनी को उन्होंने देखा और कुछ हथियारों को उठाकर फोटो भी खिचवाई।
और दिल्ली लौटने से पहले प्रधानमंत्री ने शानदार तरीके से इस एक्सपो का आयोजन कराने के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ़ की। लेकिन इस अवसर को सीएम के दो सलाहकार देख ही नहीं पाए। वजह थी, एक्सपो में आने का पास समय से ना मिलना। जिसके चलते मुख्यमंत्री के सीनियर सलाहकार ने तो मुख्य सचिव और तमाम आला अफसरों के साथ प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री की तारीफ़ करते देखा, लेकिन अन्य दो सलाहकार इसे देख नही सके।
उनकी ही तरह विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव भी प्रधानमंत्री को प्रदर्शनी देखते हुए नही देख सके और क्योंकि उनके पास भी देर से मिले। इसके बाद से ही अब नौकरशाही में यह चर्चा हो रही है कि देर से पास मिलने से क्या नुकसान होता है? कितने हसीन पल लोग देख नही पते?
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इस चर्चा में कितने अफसरों के देर से पास मिला और कितनों को पास मिला ही नही। अब यह भी शामिल हो गया है। और इसके चलते अब तमाम अफसर अलग-अलग दावे कर रहें हैं।