जुबिली न्यूज़ डेस्क
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया है और उन्होंने इसरो के कंट्रोल सेंटर से देश को भी संबोधित किया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो चीफ के। सिवन को गले लगाकर सांत्वना दी।
गौरतलब है कि चंद्रयान 2 पर पूरे हिंदुस्तान की नजरे थीं। वहीं चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद पूरे देश को दुःख तो पहुंचा लेकिन सभी ने इसरो के वैज्ञानिकों के प्रयास की प्रशंसा भी की। हर एक देशवासी अपने महान वैज्ञानिकों के साथ खड़ा नजर आया। हालांकि कुछ लोगों ने इस मिशन के तमाशा बनाए जाने पर सवाल भी खड़े किए। लोगों ने वैज्ञानिकों का समर्थन तो किया है जबकि प्रधनमंत्री मोदी और मीडिया पर कुछ लोग भड़के नजर आए।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, इसरो को चंद्रयान-2 मिशन पर उसके बेहतरीन कार्य के लिए बधाई। आपका भाव और समर्पण हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है। आपका काम बेकार नहीं जाएगा। इसने कई और महत्वपूर्ण तथा महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है।
Congratulations to the team at #ISRO for their incredible work on the Chandrayaan 2 Moon Mission. Your passion & dedication is an inspiration to every Indian. Your work is not in vain. It has laid the foundation for many more path breaking & ambitious Indian space missions. 🇮🇳
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 6, 2019
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटक हैंडल पर कहा, समूचा देश इस समय इसरो की टीम के साथ खड़ा है। अंतरिक्ष एजेंसी के कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता ने देश को गौरवान्वित किया है।
The nation stands by the entire team of @isro as we wait in these tense times. Your hard work and commitment has made our nation proud. Jai Hind.#Chandrayaan2Landing
— Congress (@INCIndia) September 6, 2019
सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा है कि, अपेक्षाओं के बोझ ने #ISRO चीफ को रुला दिया, तोड़ कर रख दिया। श्रेय लेने की होड़ ने #Chandrayan2 को इतना हाइप किया गया, VIPs की उपस्थिति वैज्ञानिकों की एकाग्रता को विचलित किया होगा।।।।#नेता व TV के जोकर एंकर्स इस बात को समझना ही नहीं चाहते, उन्हें तो वोट या फिर TRP चाहिये।
अपेक्षाओं के बोझ ने #ISRO चीफ को रुला दिया, तोड़ कर रख दिया।
श्रेय लेने की होड़ ने #Chandrayan2 को इतना हाइप किया गया, VIPs की उपस्थिति वैज्ञानिकों की एकाग्रता को विचलित किया होगा….#नेता व TV के जोकर एंकर्स इस बात को समझना ही नहीं चाहते, उन्हें तो वोट या फिर TRP चाहिये। pic.twitter.com/fPBgbVbngA— Surya Pratap Singh (@suryapsinghias) September 7, 2019
विनोद कापरी लिखते हैं, सबक़ : विज्ञान में जब भी प्रयोग होते हैं तो सफलता-विफलता बेहद सामान्य बात है। पर प्रयोग को तमाशा/इवेंट बनाने से बचना चाहिए। एक पल के लिए सोचिए उन वैज्ञानिकों के बारे में जो वर्षों से इस प्रयोग की तपस्या में लगे हुए थे। #Chandrayaan2
सबक़ : विज्ञान में जब भी प्रयोग होते हैं तो सफलता-विफलता बेहद सामान्य बात है। पर प्रयोग को तमाशा/इवेंट बनाने से बचना चाहिए। एक पल के लिए सोचिए उन वैज्ञानिकों के बारे में जो वर्षों से इस प्रयोग की तपस्या में लगे हुए थे। #Chandrayaan2
— Vinod Kapri (@vinodkapri) September 7, 2019
अश्विन पालीवाल ने लिखा है कि, इसरो के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास को बारम्बार सलाम । सफलता और विफलता एक सिक्के के दो पहलू हैं। प्रारंभिक विफलता आगे की सफलता सुनिश्चित करती है। लेकिन क्या इन वैज्ञानिकों पर हमारे नेता के श्रेय लेने के जुनून काअनावश्यक दवाब नहीं रहा होगा? राजनीति और विज्ञान का घालमेल उचित नहीं।
@isro के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास को बारम्बार सलाम । सफलता और विफलता एक सिक्के के दो पहलू हैं । प्रारंभिक विफलता आगे की सफलता सुनिश्चित करती है।
लेकिन क्या इन वैज्ञानिकों पर हमारे नेता के श्रेय लेने के जुनून काअनावश्यक दवाब नहीं रहा होगा?
राजनीति और विज्ञान का घालमेल उचित नहीं।— Ashwani Paliwal (@AshwaniPaliwal9) September 7, 2019
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