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महोबा। पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर पिछले 401 दिन से अनशन पर बैठे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर व उनके सहयोगियों ने आज मुंडन करवा कर बुंदेलखंड के सांसदों के उदासीन रवैये के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया।
तारा पाटकर ने कहा कि नेताओं की नियत में खोट है इसीलिए न तो केन्द्र सरकार पर दबाब बन पा रहा है और न बुंदेलखंड राज्य बन पा रहा है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना में सभी मंत्री, सांसदों व विधायकों ने इस्तीफे दे दिए थे लेकिन हमारे नेतागण प्रधानमंत्री के सामने मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। अब ऐसे काम नहीं चलेगा।
आल्हा चौक स्थित अनशन स्थल पर मुंडन कार्यक्रम पूर्वान्ह 11 बजे शुरू हुआ। एक घंटे तक चले कार्यक्रम में 40 लोगों ने अपने बाल दान किए। इनमें बूढ़े, बच्चे और जवान सभी ने हिस्सा लिया। 79 वर्षीय के एस शुक्ला से लेकर 15 वर्षीय छात्र अमन तिवारी तक ने मुंडन करवा कर अपना आक्रोश प्रकट किया।
इनके साथ हरीओम निषाद, भपका गुरू, अमरचंद विश्वकर्मा, लालजी त्रिपाठी, गिरजा शंकर, अरूण तिवारी, ग्यासी लाल कोस्टा, कल्लू चौरसिया, जमुना प्रसाद, प्रमोद वर्मा, पुरुषोतम द्विवेदी समेत 40 लोगों ने अपने सिर के बाल मुड़वाए।
तारा पाटकर ने बताया कि मुंडन कार्यक्रम से पहले हम लोगों ने अनशन के एक वर्ष पूरे होने पर 28 जून को प्रधानमंत्री को खून से खत लिखे थे। सबसे अफसोस की बात तो ये है कि जिन राजा बुंदेला की प्रेरणा से हम लोगों ने पिछले साल 28 जून को महोबा में अनशन शुरू किया था, दो दिन पहले जब वे महोबा आये तो बहुत आग्रह करने के बाद भी अनशन स्थल नहीं आये। संभवतः इसलिए क्योंकि योगी सरकार ने उनको राज्य मंत्री का दर्जा देकर बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष बना दिया।
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