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महोबा। पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर पिछले 275 दिन से अनशन पर बैठे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने मांग की है कि सभी राजनैतिक दल अब बुंदेलखंड राज्य पर अपनी चुप्पी तोड़े और इस मुद्दे को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें।
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दल अपने घोषणा पत्र में छोटे राज्यों के समर्थक होने का दावा करते हैं। दोनों दलों को बुंदेलखंड राज्य की मांग पर अपनी स्थिति साफ करना चाहिए। बसपा प्रमुख मायावती ने अपने आखिरी मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान सन 2011 में पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए केन्द्र सरकार के पास एक प्रस्ताव बनाकर भेजा था लेकिन आज उनकी पार्टी भी इस मुद्दे पर खामोश हैं।
बसपा-सपा गठबंधन को अपने घोषणा पत्र में अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। बुंदेलखंड राज्य आंदोलन पिछले 30 साल से चल रहा है लेकिन राजनैतिक दलों की ढुल-मुल नीति की वजह से अब तक राज्य की घोषणा नहीं हो पायी। अनशन स्थल पर आज पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष बती बाबू, आशीष शुक्ला, विशोक कुमार एडवोकेट, वीरेन्द्र अवस्थी, दिव्यांग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष यशपाल सिंह परिहार, भागीरथ शर्मा गुरूजी, गिरजा शंकर, हरीओम निषाद, संतोष धुरिया, कृष्णा शंकर जोशी, अमर चंद विश्वकर्मा, कल्लू चौरसिया, बबलू जैन, अरूण तिवारी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।