भारत के वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट भारतीय संसद में पेश किया | यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था | बजट के विश्लेषण से निकलकर आया कि यह बजट बुंदेलखंड जैसे आपदाग्रस्त इलाके के लिए बुंदेलखंड के निवासियों को सहूलियत प्रदान करेगा और उपयोगी साबित होगा |
बुंदेलखंड वह इलाका है जहाँ पिछले कुछ वर्षों से जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव के कारण अक्सर फसलें प्रभावित हो रही हैं जिसके कारण बुंदेलखंड के लोगों का जीवन दुष्कर हो रहा है लेकिन बजट में किये गए प्रावधानों के अनुसार बुंदेलखंड क्षेत्र में बागवानी योजना कारगर साबित होगी | लघु एवं सीमान्त किसानों को ऋण सहूलियत के साथ मिलेगा | बुंदेलखंड जैसा सूखाग्रस्त इलाका एक समय मोटे अनाज का क्षेत्र रहा है |
मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना अत्यंत लाभकारी योजना साबित होगी | फ्री में मुफ्त अनाज की योजना बुंदेलखंड के लोगों के लिए बहुत उपयोगी है क्यूंकि इस वर्ष खरीफ की फसल नष्ट हो गयी थी | प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ आवास से वंचित लोगों को मिलेगा | किसानों के लिए एक साल के लिए ऋण में छूट किसानों के लिए वरदान साबित होगा |
कृषि क्षेत्र में वित्तमंत्री ने कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कोष की घोषणा की है जिससे कृषि में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा | ओडीओपी उत्पादों की बिक्री प्रोत्साहन के लिए किये गये प्रयास बाजार के अवसर खोलेगा | एमएसएमई के लिए ऋण की लागत एक फीसदी घटेगी जिसका लाभ आम आदमी को मिलेगा | इनकम टैक्स की लिमिट 5 लाख से बढाकर 7 लाख कर दी गयी है जिसका सबसे ज्यादा लाभ माध्यम वर्गीय लोगों को होगा |
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों के निर्माण के लिए बजट में प्राथमिकता दी गयी है | इससे बुंदेलखंड के गाँव खुले में शौंच से मुक्त होंगे | सभी अन्त्योदय परिवारों के लिए मुफ्त अनाज योजना लाभकारी सिद्ध होगी |जन भागेदारी सबका साथ- सबका विकास पर जहाँ बजट में जोर दिया गया है वहीँ भारत में बढ़ रही बेरोजगारी और मंहगाई को नियंत्रित करने के लिए बजट में कारगर उपायों की कमी देखने को मिल रही है |
दूसरी तरफ बजट में हरित विकास के लिए कई कार्यक्रम चलायें गए हैं लेकिन जल संरक्षण एवं प्रबंधन जैसे गंभीर विषयों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है |
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वर्तमान में अटल भूजल योजना को भारत के अन्य राज्यों में बढ़ाने की आवश्यकता थी जिसकी कमी बजट में देखने को मिली | सूखे के स्थायी समाधान के लिए भारत के सभी सूखाग्रस्त राज्यों के लिए वित्तीय प्रावधान किये जाने की आवश्यकता थी |
(लेखक जल-जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक हैं)
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