जुबिली न्यूज डेस्क
एक फरवरी को देश का बजट पेश होगा, जिसके पहले आज संसद का बजट सत्र शुरू होने वाला है। आज राष्टï्रपति का अभिभाषण होना है जिसका राजनीतिक पार्टियों ने बहिष्कार करने का फैसला किया है।
देश की 18 राजनीतिक पार्टियों ने कहा है कि वे बजट सेशन के पहले दिन होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगी। जिन पार्टियों ने ये कहा है उनमें कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, शिव सेना, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस (मनी), एआईयूडीएफ़ बसपा शामिल है।
18 opposition parties are boycotting the President’s Address in Parliament tomorrow in solidarity with farmers & in protest against brute force with which farm laws were rammed down our throats pic.twitter.com/rWZUA0ynUT
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) January 28, 2021
इन पार्टियों ने एक साझा बयान जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार के पास किए गए तीनों कानून राज्यों और संविधान की संघीय भावना का उल्लंघन है।
बयान में यह भी कहा गया है कि इन कानूनों को पास करने से पहले न तो राज्यों के साथ चर्चा की गई, न तो किसान नेता और न ही इसके लिए देश के लोगों से बात की गई थी।
बयान में कहा गया है कि ये तीनों कानून अगर रद्द ने किए गए तो ये न्यूनतम समर्थन मूल्य, सरकार की खऱीद व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर राष्टï्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
2. साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केन्द्र से पुनः अनुरोध तथा गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए। इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई। सरकार ध्यान दे। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) January 29, 2021