जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मायावती के लिए लोकसभा चुनाव किसी बुरे सपने से कम नहीं है क्योंकि बसपा ने एक भी सीट नहीं जीती और सपा और कांग्रेस के गठबंधन ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है और साथ बसपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
सपा और कांग्रेस ने मिलकर बीजेपी का खेल पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। मायावती ने इस हार के बारे में नहीं सोचा था लेकिन अब मायावती फिर से पार्टी को दोबारा मजबूत करने में जुट गई है।
इसी रणनीति के तहत उनकी पार्टी उप चुनाव में उतरने का फैसला किया है। लोकसभा चुनाव के बाद अब उत्तर प्रदेश में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में जानकारी मिल रही है कि मायावती का दल बसपा भी इस उपचुनाव में अपनी दावेदारी पेश करेंगा।
बता दें कि इससे पहले बसपा अक्सर उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेती थी लेकिन साल 2024 में उसे इतनी बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा है कि अब उसके पास खोने को कुछ नहीं है और उसके पास ज्यादा विकल्प भी नहीं बचे हैं।
इस वजह से मायावती उपचुनाव में बसपा उम्मीदवारों का चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। वहीं हार का विश्लेषण करने के लिए मायावती जल्दी एक बड़ी बैठक आयोजित कर सकती है। कहा जा रहा है कि इसी बैठक में सूबे की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव के जरिए वापसी करने के लिए बसपा ने मजबूत प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी है। हार की वजह से बसपा को अब उपचुनाव लडऩे को मजबूर होना पड़ा है और फिर से पार्टी को मजबूत करने की पूरी जिम्मेदारी मायावती पर आ गई है।
हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले बसपा को कई मौकों पर इंडिया गठबंधन ने अपनी तरफ करने की कोशिश की थी लेकिन मायावती ने अकेले चुनाव लडऩे का बड़ा ऐलान कर डाला था लेकिन उनको इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ा और उनको एक जीत भी नहीं नसीब नहीं हुई। इतना ही नहीं उन्होंने कई जगह पर इंडिया गठबंधन को भाारी नुकसान पहुंचाया।